देश की खबरें | ‘इंडिया’ से बिगड़े नीतीश के रिश्ते, सुशील मोदी ने दरवाजे खुलने के दिए संकेत

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नयी दिल्ली/पटना, 26 जनवरी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साझेदारों के साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंधों में खटास आने की खबरों के बीच शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने आपस में और अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया।

भाजपा के शीर्ष नेताओं ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी सहित राज्य के नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। सुशील कुमार मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि राजनीति में किसी के लिए दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं। उन्होंने कहा कि दरवाजे आवश्यकता के अनुसार खुलते और बंद होते हैं।

सुशील मोदी ने संवाददाताओं से कहा, "जहां तक नीतीश कुमार या जद (यू) का सवाल है, राजनीति में दरवाजे कभी भी स्थायी तौर पर बंद नहीं होते हैं। समय आने पर बंद दरवाजे खुलते हैं लेकिन दरवाजे खुलेंगे या नहीं, यह हमारे केंद्रीय नेतृत्व को तय करना है।"

हालांकि, भाजपा सूत्रों ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या जद (यू) के साथ हाथ मिलाने के बारे में कोई फैसला लिया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार के घटनाक्रम पर पार्टी नेताओं के साथ परामर्श किया हैं। बिहार में राजनीतिक सरगर्मी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश कुमार से ‘भ्रम’ को दूर करने का आग्रह किया जिसका असर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन पर पड़ रहा है। हालांकि नीतीश कुमार ने अपने पत्ते अब तक नहीं खोले हैं।

राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार को इन अफवाहों के बीच स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में वापस जाने की योजना बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोगों के कल्याण के लिए और भाजपा को हराने के लिए मिलकर सरकार बनायी है। व्याप्त भ्रम बिहार में जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। केवल मुख्यमंत्री ही भ्रम को दूर कर सकते हैं।’’

भाजपा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा जैसे अपने सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं। पासवान और कुशवाहा मुख्यमंत्री कुमार का विरोध करते रहे हैं। हालांकि, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता पासवान ने कहा कि वह भाजपा नेतृत्व के निर्णय के अनुसार चलेंगे।

इस बीच, बिहार में भाजपा नेताओं का एक वर्ग नीतीश कुमार के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक नहीं है। ऐसे नेताओं का दावा है कि मुख्यमंत्री का प्रभाव कम हो रहा है और उनकी ‘घटती विश्वसनीयता’ भाजपा को नुकसान पहुंचाएगी।

मुख्यमंत्री कुमार के मुखर आलोचक केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘‘मैं न तो किसी का स्वागत कर रहा हूं और न ही किसी के खिलाफ हूं। यह केंद्रीय नेतृत्व का निर्णय है। वे जो भी निर्णय लेंगे, मुझे यकीन है कि यह राज्य और पार्टी के हित में होगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह नये सिरे से भाजपा-जद(यू) गठबंधन की संभावना से खुश हैं, सिंह ने कहा, "मैं न तो खुश हूं और न ही नाखुश। मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, जो भी निर्णय लिया जाएगा मैं उसका पालन करूंगा।"

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