देश की खबरें | कुर्सी के लिये कुछ भी कर सकते हैं नीतीश : राजद

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. बिहार सरकार में जदयू कोटे से डॉ. मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने को लेकर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा है और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने बृहस्पतिवार को फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुर्सी के लिये वे कुछ भी कर सकते हैं।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

पटना, 19 नवंबर बिहार सरकार में जदयू कोटे से डॉ. मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाये जाने को लेकर उठा विवाद थमता नहीं दिख रहा है और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल ने बृहस्पतिवार को फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि कुर्सी के लिये वे कुछ भी कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि मेवालाल चौधरी पर असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में कथित अनियमितता के आरोप हैं ।

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राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘आदरणीय नीतीश कुमार जी, मेवालाल जी के केस में तेजस्वी को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए कि नहीं ?’’

उन्होंने कहा कि अगर आप चाहे तो मेवालाल के संबंध में आपके सामने मैं सबूत सहित सफाई ही नहीं बल्कि गाँधी जी के सात सिद्धांतों के साथ विस्तृत विमर्श भी कर सकता हूँ। तेजस्वी ने कहा, ‘‘आपके जवाब का इंतज़ार है।’’

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राजद नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 और 120ब के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?

वहीं, राजद के आधिकारिक ट्वीट में कहा गया है कि नीतीश कुमार फजीहत, शर्म, मर्यादा, नैतिकता, शुचिता, अंतरात्मा, लोकलाज, आदर्श इत्यादि से ऊपर उठ चुके है क्योंकि यह सब उनमें बचा ही नहीं है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि कुर्सी के लिए वह (नीतीश) कुछ भी कर सकते है। कुर्सी ही उनके लिए शाश्वत सत्य है।

गौरतलब है कि नवनिर्वाचित जदयू विधायक डॉ. मेवालाल चौधरी को राज्य की तारापुर विधानसभा सीट से जीत मिली है। उन्हें पहली बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। राजनीति में प्रवेश से पहले मेवालाल भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता के आरोपों और एफआईआर दर्ज किये जाने के मद्देनजर चौधरी को सल 2017 में नीतीश कुमार नीत जदयू से निलंबित कर दिया गया था । यह मामला साल 2012 में असिस्टेंट प्रोफेसर और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्ति में कथित अनियमितता से संबंधित है । भाजपा ने भी तब चौधरी के खिलाफ मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाया था जब वह महागठबंधन सरकार के समय विपक्ष में थी ।

इस मुद्दे को लेकर राजद सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा था और मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की थी ।

भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन उनकी पार्टी के विधायक विरोध दर्ज करायेंगे । भाकपा-माले के विधानसभा में 12 विधायक हैं । इस मुद्दे को लेकर जारी सियासी घटनाक्रम के बीच मेवालाल चौधरी ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी ।

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