नयी दिल्ली, 22 जून दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के 2017 के मामले में गिरफ्तार इंजीनियर रशीद द्वारा दायर उस अर्जी पर एक जुलाई तक जवाब देने को कहा है, जिसमें उन्होंने संसद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है।
इंजीनियर रशीद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल रशीद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता ने शनिवार को मामले की सुनवाई एक जुलाई के लिए निर्धारित कर दी और एनआईए को उक्त समय सीमा तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि रशीद के खिलाफ लगाए गए आरोप आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह पर लगे आरोपों से अलग हैं। सिंह दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी हैं।
न्यायाधीश ने यह टिप्पणी रशीद के वकील की दलील के जवाब में की। वकील ने अदालत को बताया कि सिंह को हाल में राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए ‘हिरासत में पैरोल’ दी गई थी।
न्यायाधीश ने जवाब दाखिल करने के लिए समय देने के एनआईए के आग्रह को स्वीकार कर लिया।
वकील वी. ओबेरॉय ने रशीद को जमानत पर रिहा करने की हिमायत करते हुए कहा कि रशीद ने चुनाव जीता है, लोग उनसे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि वह संसद में उनका प्रतिनिधित्व करें।
वकील ने कहा, “शपथ लेना मेरा (रशीद का) संवैधानिक कर्तव्य है। मुझे शपथ लेने के लिए उनके सामने अनुनय-विनय करना पड़ रहा है। यह वाकई शर्मनाक है। अदालत जेल अधिकारियों को लोकसभा सचिवालय से संपर्क करने का निर्देश दे, एनआईए को लोकसभा सचिवालय से संपर्क करने का निर्देश दे, या लोकसभा सचिवालय को निर्देश दे कि वह रशीद के शपथ लेने की तिथि तय करे।”
नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों को 24, 25 और 26 जून को शपथ लेनी है।
रशीद ने शपथ लेने और संसदीय कार्य करने के लिए अंतरिम जमानत या वैकल्पिक तौर पर हिरासत में पैरोल की मांग की है।
रशीद 2019 से जेल में हैं, जब एनआईए ने उनके खिलाफ आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में कथित संलिप्तता के लिए गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
पूर्व विधायक का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली के खिलाफ जांच के दौरान सामने आया था। एनआईए ने वताली को कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन सहित कई व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)