जरुरी जानकारी | अगले साल के बजट में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के व्यय पर होगा जोर: सीतारमण

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नयी दिल्ली, 15 दिसंबर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि 2021-22 का बजट आर्थिक पुनरूत्थान की गति को बनाये रखने पर केन्द्रित होगा। इसके लिये बुनियादी ढांचे पर सार्वजनिक व्यय जारी रखने के साथ आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार बनाये रखने पर जोर दिया जायेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विनिवेश पर असर पड़ा है लेकिन उसकी गति आने वाले महीनों में तेज होगी।

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सीतारमण ने उद्योग मंडल एसोचैम फाउंडेशन सप्ताह कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय की गति बनाये रखेंगे। क्योंकि यही एक तरीका है जिससे हम आश्वस्त होते हैं कि यह गुणक (व्यय का विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव) के तौर पर काम करेगा और अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार भरोसेमंद होगा...।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात को लेकर सजग हूं कि आगामी बजट में एक जीवंतता होगी जो अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार, भरोसेमंद उत्थान के लिए आवश्यक है।’’

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वित्त वर्ष 2021-22 का बजट एक फरवरी को संसद में पेश किये जाने की संभावना है।

सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश प्रक्रिया में अब काफी तेजी आएगी और जिन मामलों में मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है, उसे पूरी गंभीरता के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘विनिवेश होगा, बैंकों का निगमीकरण होना है ताकि वे बाजार से पैसा उठा सके...।’’ मंत्री ने कहा कि सरकार ने बांड बाजार को मजबूत और व्यापक बनाने के लिये कई कदम उठाये हैं।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिये 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। वित्त वर्ष 2020-21 में अब तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और बिक्री पेशकश (ओएफएस) के जरिये 10,500 करोड़ रुपये ही जुटाये जा सके हैं।

दो बड़ी कंपनियों... बीपीसीएल और एयर इंडिया में रणनीति बिक्री की प्रक्रिया जारी है और सरकार को कई इकाइयों से रूचि पत्र मिले हैं।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार ने 2020-21 के बजट में 7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेने का लक्ष्य रखा था लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि 20 नवंबर की स्थिति के अनुसार, सरकार का बाजार से कर्ज 9.05 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब 68 प्रतिशत अधिक है। इसके जरिये सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि व्यय प्रभावित नहीं हो।

वित्त मंत्री ने कहा कि सीपीएसई (केंद्रीय लोक उपक्रमों) के जरिये सार्वजनिक व्यय पर जोर निश्चित रूप से बना रहेगा और राष्ट्रीय निवेश और बुनियादी ढांचा (एनआईआईएफ) विदेशों से कोष आकर्षित करने को लेकर बेहतर कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी) को प्राथमिकता दी जा रही है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि कोविड-19 टीका जल्दी आने की उम्मीद है। ‘‘इसके साथ हम इस बात को लेकर भरोसा कर सकते हैं कि महामारी पीछे रह जाएगी और हम एक अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ेंगे।’’

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