चीन के बाद दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत में संक्रमण के 2,600 से ज्यादा नए मामले सामने आए. रूस में पहली बार नए मामले 10 हजार के पार पहुंच गए. ब्रिटेन में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इटली में मरने वालों के करीब पहुंच रही है जो यूरोप में इस बीमारी का केंद्र बना हुआ है. ब्रिटेन की आबादी इटली से कम है लेकिन ब्रिटेन के पास इस महामारी का मुकाबला करने के लिये ज्यादा वक्त था. अमेरिका में रोजाना दसियों हजार नए मामले सामने आ रहे हैं और शनिवार को यहां संक्रमण की वजह से 1,400 लोगों की जान गई.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि बंद में राहत के दौरान अगर जांच की संख्या को नहीं बढ़ाया गया तो संक्रमण का दूसरा दौर आ सकता है. हालांकि, दुनिया भर में कई हफ्तों की बंदी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था के 1930 के दशक की मंदी के स्तर पर पहुंच गई है, जिसकी वजह से कारोबार को फिर से खोलने के लिये दबाव बढ़ रहा है. चीन में पांच दिन के अवकाश के दौरान घरेलू यात्रा पाबंदियों में छूट के बाद फिर से खुले पर्यटक स्थलों पर लोगों की भीड़ उमड़ी. चीन में हालांकि संक्रमण के सिर्फ दो नए मामले सामने आए हैं. चीनी मीडिया के मुताबिक अवकाश के शुरुआती दो दिनों में ही करीब 17 लाख लोग बीजिंग के पार्कों में पहुंचे जबकि शंघाई के मुख्य पर्यटन केंद्रों में 10 लाख से ज्यादा लोगों का आगमन हुआ. यह भी पढ़ें: Coronavirus: ब्रिटेन में 315 अन्य मौतों के साथ कुल आंकड़ा 28 हजार के पार
इटली में पाबंदियों से छूट दिये जाने की पूर्व संध्या पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार शाम खत्म हुए 24 घंटों में 174 और लोगों की मौत की पुष्टि की. यह देश में 10 मार्च को शुरू हुए बंद के बाद दैनिक आधार पर सबसे कम संख्या है. पार्कों और उद्यानों को सोमवार से आम लोगों के लिये खोला जा रहा है. स्पेन में देश में 14 मार्च को लागू हुए बंद के बाद बहुत से लोग पहली बार घरों से बाहर घूमने निकले हालांकि इस दौरान सामाजिक दूरी के नियम लागू रहे. लोगों की आवाजाही के लिये मास्क लगाना अनिवार्य है. भारत में वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने विभिन्न शहरों में चिकित्सकों, नर्सों और पुलिस समेत कोविड-19 के खिलाफ काम कर रहे अन्य लोगों का शुक्रिया अदा करने के लिये अस्पतालों पर फूल बरसाए.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 40 हजार के पार पहुंच गई है. देश में इस बीमारी से अब तक 1,323 लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर यह बताने का दबाव बढ़ रहा है कि वह देश में बंद को कैसे हटाएंगे. प्रतिबंध बृहस्पतिवार तक चलने वाले हैं लेकिन देश में रोजाना कोविड-19 के कारण अब भी सैकड़ों लोगों की जान जा रही है. यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि देश कैसे सुरक्षित तरीके से पाबंदियों में ढील देगा. कोविड-19 से संक्रमण के बाद तीन दिन तक सघन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रहने वाले जॉनसन (55) ने द सन अखबार से कहा, “वह एक मुश्किल वक्त था, मैं इससे इनकार नहीं करूंगा.” उन्होंने कहा कि अगर वायरस से उनकी मौत हो जाती हो डॉक्टरों के पास “इससे निपटने के लिये ‘स्टालिन की मौत’ जैसी रणनीति थी.” यह भी पढ़ें: इटली में COVID-19 के 2 लाख से अधिक मामले, 28 हजार से अधिक संक्रमित मरीजों की हुई मौत
परेशान करने वाले संकेत अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से भी मिले हैं, जहां बिना किसी पूर्व सूचना के की गई 500 लोगों की जांच में से एक तिहाई संक्रमित मिले हैं. वहीं अमेरिका के न्यू जर्सी में राजकीय उद्यानों को खोला गया लेकिन जल्द ही पार्किंग स्थल के 50 प्रतिशत भर जाने के बाद लोगों को वापस भेजना शुरू कर दिया गया. व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस समन्वयक डेबोराह बिर्क्स ने “फॉक्स न्यूज संडे” से बातचीत में बिना मास्क लगाए सशस्त्र लोगों द्वारा घर पर रहने के आदेश को वापस लिये जाने और अर्थव्यवस्था को पूरी तरह सक्रिय करने की मांग वाले प्रदर्शनों को चिंताजनक करार दिया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने लोगों को बढ़ावा दिया कि है वे अपने राज्यों से “आजादी” देने को कहें.
जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के स्वास्थ्य सुरक्षा केंद्र के निदेशक टॉम इंग्लैस्बी ने कहा, “जब हम विरोध की आवाज बुलंद कर रहे हैं उस समय भी हमें एक-दूसरे की सुरक्षा करने की जरूरत है.” अगर पाबंदी बहुत जल्द हटा दी गईं तो वायरस देश के विभिन्न स्थानों पर फिर से वापसी कर सकता है. इस बीच अमेरिका में बंद को खोलने और इसे जारी रखने के समर्थन में लोगों की राय बंटी हुई है. अमेरिकी संसद में भी यह देखने को मिला. रिपबल्किन बहुमत वाली सीनेट सोमवार को वाशिंगटन में खुलेगी. हालांकि, डेमोक्रेट्स के नियंत्रण वाला हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स बंद रहेगा. यह भी पढ़ें: अमेरिका, यूरोप में बदले मौसम का लुत्फ लेने घर से निकले लोग; रूस में बढ़े वायरस के मामले
वहीं रूस में संक्रमित लोगों की संख्या एक हफ्ते पहले संक्रमित लोगों की संख्या के लगभग दो गुना पर पहुंच गई है. रूस में सामने आए संक्रमण के कुल मामलों में से आधे मॉस्को से हैं, जिससे वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सवाल उठने लगे हैं. पोप फ्रांसिस ने इस बीमारी की दवा की खोज के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का रविवार को आह्वान किया. अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक वायरस के कारण दुनिया भर में 34 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 2,44,000 लोगों की जान जा चुकी है. अकेले अमेरिका में ही इस संक्रमण ने 66,000 लोगों की जान ले ली है.