देश की खबरें | नयी आबकारी नीति से कम होगा भ्रष्टाचार, निष्पक्ष हो सकेगी प्रतिस्पर्धा : दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसकी नयी आबकारी नीति 2021-22 का मकसद भ्रष्टाचार कम करना और शराब व्यापार में उचित प्रतिस्पर्धा उपलब्ध कराना है और कहा कि इसके खिलाफ सभी आशंकाएं केवल काल्पनिक हैं।
नयी दिल्ली, 15 जुलाई दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसकी नयी आबकारी नीति 2021-22 का मकसद भ्रष्टाचार कम करना और शराब व्यापार में उचित प्रतिस्पर्धा उपलब्ध कराना है और कहा कि इसके खिलाफ सभी आशंकाएं केवल काल्पनिक हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को लेकर नीति पर पुरजोर हमला किया गया और वह अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए जवाब दाखिल करेगी।
नयी आबकारी नीति को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल की गईं थी जिसने इससे पहले किसी तरह का रोक आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।
जब नयी याचिकाएं बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सामने आईं तो मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने नोटिस जारी किया और केंद्र सरकार तथा दिल्ली सरकार से जवाब मांगा।
इसने नीति पर रोक लगाने के लिए या नीति के तहत निविदा के लिए आवेदन की 20 जुलाई की अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया।
नीति का विरोध कर रहे एक वकील ने जब दलील दी कि नयी नीति जो दिल्ली को 32 क्षेत्रों में विभाजित करती है, उसके मुताबिक बाजार में केवल 16 खिलाड़ियों को अनुमति दी जा सकती है और यह एकाधिकार को बढ़ावा देगी तो पीठ ने कहा कि ऐसा नियंत्रण लोक कल्याण के लिए है और न कि उनके लिए जो शराब के व्यापार में हैं।
पीठ ने कहा, “नियंत्रण लोक कल्याण के लिए है न कि आपके कारोबार को चलाने के लिए। यह बड़े पैमाने पर जनता के लिए है। यह आपके व्यावसाय चलाने के लिए या आपको मुश्किल में डालने के लिए नहीं है।”
दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी, “हमपर पुरजोर हमला किया गया। मैं जवाब में इसे रखूंगा। नीति भ्रष्टाचार को कम करती है, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा प्रदान करती है।”
पीठ नयी आबकारी नीति को आशियान टावर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और राजीव मोर्टर्स प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से दी गई चुनौती को सुन रही थी जिन्होंने आरोप लगाया है कि यह अवैध, अनुचित, मनमानी और दिल्ली आबकारी कानून 2009 का उल्लंघन करती है।
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