विदेश की खबरें | नेपाल: ओली से तनातनी के बीच प्रचंड ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बदतर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा
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काठमांडू, सात अगस्त नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बीच जारी खींचतान का निकट भविष्य में कोई समाधान न निकलने के बीच प्रचंड ने पार्टी कार्यकर्ताओं से बदतर परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा है।
हालिया सप्ताहों में मतभेद दूर करने के लिए ओली और प्रचंड कम से कम दस बैठक कर चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा एक व्यक्ति-एक पद की शर्त स्वीकार न करने के कारण बातचीत विफल रही।
ओली प्रधानमंत्री और पार्टी के सह-अध्यक्ष में से कोई भी पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
पिछले कुछ सप्ताह से सत्तारूढ़ दल एनसीपी के भीतर आतंरिक कलह चल रही है।
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प्रचंड समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने यह कहते हुए ओली का इस्तीफा मांगा था कि उनके भारत विरोधी बयान “न तो राजनीतिक रूप से सही थे न कूटनीतिक रूप से उचित थे।”
ओली के विरोधी उनके कामकाज के तरीके से भी नाराज हैं।
प्रचंड ने बुधवार को एक विशेष प्रेस वार्ता में चुनिंदा पत्रकारों से कहा, “सत्ता हासिल करना हमारी चिंता का मुख्य कारण नहीं है। हम चाहते हैं कि एनसीपी को उचित प्रक्रिया के तहत चलाया जाए। हमें किसी पद का लालच नहीं है, लेकिन पार्टी में गलत चलन विकसित हो रहा है जिसके विरुद्ध हम लड़ रहे हैं।”
नागरिक दैनिक समाचार पत्र के अनुसार प्रचंड ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं माधव नेपाल, झालानाथ खनल और पार्टी प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
अखबार के अनुसार असंतुष्ट नेताओं के गुट का आरोप है कि ओली पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं।
प्रचंड और नेपाल का दावा है कि केंद्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने बहुमत से ओली के विरोध का समर्थन किया है।
प्रचंड ने यह भी आरोप लगाया कि जब स्थायी समिति की बैठक हो रही थी तब प्रधानमंत्री ओली के निर्देश पर पार्टी तोड़ने के उद्देश्य से किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर निर्वाचन आयोग में एक और पार्टी का पंजीकरण कराया गया।
प्रचंड ने कहा, “यदि एक अध्यक्ष पार्टी की प्रक्रिया का पालन नहीं करेंगे तो पार्टी की एकता कैसे कायम रहेगी।”
प्रचंड ने दावा किया कि वह और पार्टी के अन्य नेता पार्टी को टूटने से बचाना चाहते हैं।
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