मुंबई, 28 जनवरी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने बृहस्पतिवार ने कहा कि बीते दो महीनों से दिल्ली के पास आंदोलन कर रहे किसानों के साथ केंद्र सरकार ने जिस तरह का व्यवहार किया है, उसकी विपक्षी पार्टियां कड़ी निंदा करती हैं और इसलिए संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने का फैसला किया गया है. पुणे जिले की बारामती सीट से लोकसभा सदस्य सुले ने तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों के साथ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे व्यवहार को ''दुर्भाग्यपूर्ण'' बताया.
सुले ने एक वीडियो बयान में कहा, '' पिछले दो महीनों में केंद्र सरकार ने किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया है, उसे देखना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा, '' हम सभी किसानों के साथ किए गए बर्ताव की कड़ी निंदा करते हैं और इसलिए फैसला लिया गया है कि सभी विपक्षी पार्टियां कल राष्ट्रपति के अभिभाषण में शिरकत नहीं करेंगी. सांसद ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार शांति और सौहार्द के लिए लोगों, खासकर, किसानों से संपर्क करेगी. यह भी पढ़ें-Farmer's Tractor Rally Violence: FIR में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस ने ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया
संसद का बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले कांग्रेस के नेतृत्व में राकांपा, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने बृहस्पतिवार को फैसला किया कि वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे. किसानों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकाली थी जिसमें हिंसा हो गई थी.
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