देश की खबरें | एनसीएमसी ने चक्रवात ‘यास’ संबंधित तैयारियों का जायजा लिया, कोविड केन्द्रों की सुरक्षा प्राथमिकता

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शनिवार को एक बैठक में बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवातीय तूफान ‘यास’ की तैयारियों की समीक्षा की और देश के शीर्ष नौकरशाहों को कोविड-19 मरीजों, अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

नयी दिल्ली, 22 मई कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शनिवार को एक बैठक में बंगाल की खाड़ी में आने वाले संभावित चक्रवातीय तूफान ‘यास’ की तैयारियों की समीक्षा की और देश के शीर्ष नौकरशाहों को कोविड-19 मरीजों, अस्पतालों और ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बैठक में बताया कि चक्रवात के 26 मई की शाम तक पश्चिम बंगाल और पड़ोसी उत्तरी ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंचने का अनुमान है और उस दौरान हवा की गति 155 से 165 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने, मूसलाधार बारिश होने और तटवर्ती जिलों में तूफान/आंधी चलने का अनुमान है।

बयान के अनुसार, ‘‘केन्द्रीय और राज्य की एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि सभी कदम समय पर उठाए जाएं ताकि जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।’’

उसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों से लोगों को जल्दी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने, सभी नौकाओं/जहाजों की समय पर तट पर वापसी सुनिश्चित करने पर जोर दिया ताकि क्षति को न्यूनतम किया जा सके।’’

देश में कोविड महामारी के प्रकोप के बीच कैबिनेट सचिव ने स्वास्थ्य केन्द्रों की सुरक्षा पर विशेष चर्चा की।

मंत्रालय से जारी बयान के अनुसार, ‘‘गौबा ने इसपर भी जोर दिया कि कोविड-19 के मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और कोविड अस्पतालों और केन्द्रों में कोई बाधा ना आए।’’ गौबा ने सलाह दी कि ‘‘चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों से ऑक्सीजन के उत्पादन और देश भर में उसकी निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।’’

राष्ट्रीय संकट मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बैठक में बताया कि उसने प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती के लिए कुल 85 टीमें तैयार की हैं। उनमें से 20 टीमें देश के विभिन्न शिविरों में मुस्तैद रहेंगी और जरुरत के अनुसार उनकी तैनाती की जाएगी।

बयान के अनुसार, ‘‘सेना, नौसेना और तटरक्षक के राहत एवं बचाव दल, जहाज और विमानों की भी तेनाती की जाएगी।’’

इस बैठक में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी के मुख्य सचिवों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

बयान के अनुसार, बैठक में गृह मंत्रालय, बिजली, जहाजरानी, दूरसंचार, तेल, नागर विमानन, मत्स्य पालन विभागों के सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव, इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (आईडीएस) प्रमुख और तटरक्षक, एनडीआरएफ और आईएमडी के महानिदेशकों ने हिस्सा लिया।

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