देश की खबरें | नेशनल कॉन्फ्रेंस, फारूक को दुलत के दावे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए: महबूबा

जम्मू, 21 अप्रैल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस और इसके अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख ए एस दुलत की नयी किताब में किए गए दावे को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की। दुलत ने कहा है कि अगर अब्दुल्ला को विश्वास में लिया गया होता तो वह जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के प्रस्ताव को पारित कराने में मदद करते।

दुलत की किताब ‘द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई’ में किए गए खुलासे को ‘‘एक गंभीर मामला’’ बताते हुए महबूबा ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस को जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘दुलत साहब उनसे बहुत सहानुभूति रखते हैं और अब्दुल्ला परिवार के मित्र हैं। उन्होंने (दुलत) कहा कि फारूक साहब ने उनसे कहा था ‘भाजपा ने मुझे भरोसे में क्यों नहीं लिया? इतनी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करने की क्या जरूरत थी? अगर उन्होंने मुझसे सलाह ली होती, तो मैं विधानसभा के जरिए अनुच्छेद 370 को समाप्त करने में मदद करता। इस तरह का हंगामा करने की कोई जरूरत नहीं थी।’’

दुलत की किताब के अनुसार, फारूक ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा विश्वास में नहीं लिए जाने पर निराशा व्यक्त की थी।

पिछले सप्ताह फारूक अब्दुल्ला ने दुलत के दावों को खारिज करते हुए कहा था कि दुलत अपनी आगामी किताब के प्रचार के लिए इस तरह की ‘‘सस्ती लोकप्रियता’’ का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुलत की किताब लिखने के पीछे की मंशा सत्ता तक पहुंच बनाने या बहुत सारा पैसा कमाने की हो सकती है।

महबूबा ने कहा कि दुलत ने इस तरह की टिप्पणी दुर्भावना से नहीं की, बल्कि अब्दुल्ला परिवार के शुभचिंतक के तौर पर की। महबूबा ने कहा, ‘‘उन्होंने यह बात नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं कही, बल्कि उनसे उनका सरोकार है, ताकि किसी तरह फारूक साहब और भाजपा के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बन सकें और वे मिलकर काम कर सकें। उन्हें (अब्दुल्ला को) भाजपा की नजरों में होना चाहिए, ताकि वे मिलकर काम कर सकें।’’

दुलत की किताब में किए गए दावों ने केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। पीडीपी प्रमुख ने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के बारे में दुलत की टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणियों को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘उमर साहब मुफ़्ती साहब के बारे में बात करते हैं, लेकिन उन्होंने कई छोटी-छोटी बातें कही हैं। यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है।’’

बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर वह मानती हैं कि दुलत ने जो कुछ लिखा है वह सब सच है, तो क्या हमें भी उनकी (दुलत) पहली किताब में उनके पिता (महबूबा के पिता) के बारे में लिखी गई बातों को सच मान लेना चाहिए?’’

पीडीपी प्रमुख ने अनुच्छेद 370 पर अब्दुल्ला की कथित टिप्पणी पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधानसभा के माध्यम से भाजपा की मदद करने की उनकी इच्छा एक ‘‘बड़ा मुद्दा’’ है।

महबूबा ने कहा, ‘‘फारूक साहब को जम्मू-कश्मीर के लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए और नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी लोगों को स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले फारूक-उमर और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक के बारे में सवाल उठाते हुए महबूबा ने कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला तीन अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय में क्या कर रहे थे? वहां क्या हुआ? नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कभी खुलासा नहीं किया कि क्या हुआ।’’

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