मुंबई, 28 नवंबर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में आवेदन दायर करके कथित फर्जी टीआरपी मामले को वापस लेने का अनुरोध किया है, जिसमें टीवी चैनल के पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है।
कथित घोटाला अक्टूबर 2020 में सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बीएआरसी) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के माध्यम से एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग पॉइंट) के अंकों में हेराफेरी कर रहे थे।
पुलिस ने एक पूरक आरोप-पत्र में गोस्वामी को इस मामले में आरोपी के रूप में नामित किया है। आरोप है कि गोस्वामी ने सह-आरोपी और बीएआरसी के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पार्थ दासगुप्ता के साथ मिलकर टीआरपी में अवैध रूप से हेराफेरी की थी।
टीआरपी दर्शकों की पसंद को सूचीबद्ध करने और यह जानने का एक उपकरण है कि कौन सा कार्यक्रम सर्वाधिक देखा गया।
आरोप पत्र में गोस्वामी द्वारा दासगुप्ता के साथ अपने व्हाट्सएप चैट को कथित तौर पर स्वीकार करने को उनके मामले में शामिल होने के महत्वपूर्ण सबूत के रूप में उद्धृत किया गया है।
मंगलवार को अभियोजन पक्ष ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष मामला वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया।
अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 28 दिसंबर को करेगी।
अपराध शाखा ने इस मामले के सिलसिले में ‘रिपब्लिक टीवी’ के वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों सहित 12 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। फिलहाल आरोपी जमानत पर हैं।
मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कथित टीआरपी हेराफेरी घोटाले में धन शोधन की शिकायत दर्ज की। हालांकि, ईडी ने पिछले साल सितंबर में दायर एक आरोपपत्र में दावा किया था कि कथित घोटाले में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
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