Mumbai: एनसीबी को आर्यन खान ड्रग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए मिला और 60 दिन का वक्त
मुम्बई की एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े क्रूज पर ड्रग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 60 दिन का समय दिया.
मुम्बई, 31 मार्च : मुम्बई की एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान से जुड़े क्रूज पर ड्रग मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 60 दिन का समय दिया. जांच एजेंसी ने सोमवार को विशेष न्यायाधीश वी वी पाटिल के सम्मुख एक आवेदन देकर इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और 90 दिन का समय मांगा था और कहा था कि इस मामले में जांच अभी चल ही रही है. लेकिन न्यायाधीश पाटिल ने अभियोजन एवं बचाव पक्षों के वकीलों की बातें सुनने के बाद जांच एजेंसी को इस मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन का वक्त दिया. एनसीबी ने अपने विशेष सरकारी वकील के माध्यम से दलील दी कि इस समय विस्तार की मांग के पीछे ‘बाध्यकारी कारण’ हैं.
पिछले साल ब्यूरो ने इस मामले में 19 अन्य के साथ आर्यन खान को नामजद किया था. आर्यन खान (24) को पिछले साल तीन अक्टूबर को मुम्बई के तट के समीप एक क्रूज जहाज पर छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों पर प्रतिबंधित ड्रग को कथित रूप से रखने, सेवन करने, खरीद/बिक्री करने, साजिश आदि को लेकर स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया किया. जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सभी 17 नमूनों की रासायनिक परीक्षण रिपोर्ट मिल गयी है जिससे साबित हुआ कि छापे के दौरान बरादम की गयी प्रतिबंधित सामग्री नारकोटिक्स/साइकोट्रोपिक्स ड्रग थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि कुछ आरोपी बड़े ही प्रभावशाली हैं और भारत के बाहर रह रहे विदेशियों के साथ उनके अभियोजनयोग्य चैट हैं , ऐसे चैट की जांच चल रही है क्योंकि उनमें विदेशी नागिरक शामिल हैं. यह भी पढ़ें : आठ प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च में घरों की बिक्री सात प्रतिशत बढ़ी : रिपोर्ट
उसने कहा कि नवंबर, 2021 से फरवरी, 2022 के दौरान कोविड-19 की भयंकर स्थिति के चलते विदेशी एजेंसियों से जवाब में देरी हुई. आरोपपत्र दाखिल करने में समय की मांग करते हुए एनसीबी ने अपनी अर्जी में दावा किया कि छह आरोपियों के सबंध में जांच करीब-करीब पूरी हो गयी है क्योंकि उनकी भूमिकाएं एक दूसरे से जुड़ी हैं. उसने कहा कि मुख्य पंच गवाह के पी गोसावी के बयानों की रिकार्डिंग एवं परीक्षण पूरा नहीं हुआ है क्योंकि वह एक अन्य मामले में न्यायिक हिरासत में है. जांच एजेंसी की अर्जी का विरोध करते हुए अब्दुल कादर के वकील कुशल मोर ने कहा कि जांच एजेंसी ने उनके मुवक्किल को सलाखों के पीछे बनाये रखने के लिए यह आवेदन दिया है. कादर न्यायिक हिरासत में है.