मुंबई डेवलपर के लिए नहीं है, एसआरए का मकसद जन कल्याण है: मुंबई उच्च न्यायालय
Mumbai High Court

मुंबई, 28 फरवरी :इसी के साथ न्यायालय ने दो डेवलपर को एक उपनगरीय एसआरए परियोजना के लिए 11 करोड़ रुपये का ‘ट्रांजिट एरियर’ का भुगतान करने का निर्देश दिया.

न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने यह टिप्पणी सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसे श्री साई पवन एसआरए सीएचएस लिमिटेड की ओर से दायर किया गया था. याचिका में दावा किया गया है कि उनकी सोसायटी के पुनर्विकास के लिए नियुक्त किये गये दो डेवलपर ने उन्हें वर्ष 2019 से ‘ट्रांजिट किराया’ का भुगतान नहीं किया है. यह भी पढ़ें : Model Murder: सूप में मिले शरीर के टुकड़े, फ्रिज में थी लाश! खूबसूरत मॉडल की बेरहमी से हुई हत्या

उपनगरीय मुंबई के जोगेश्वरी में स्लम पुनर्वास परियोजना के सह-डेवलपर के रूप में एफकॉन्स डेवलपर्स लिमिटेड और अमेया हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया गया था. परियोजना में फ्लैट पाने के पात्र 300 से अधिक लोगों को वर्ष 2019 से कोई ‘ट्रांजिट किराया’ नहीं मिल रहा है. इन 300 लोगों में से 17 को ‘ट्रांजिट आवास’ में रखा गया था, इसलिए उन्हें ट्रांजिट किराया नहीं मिल रहा था, लेकिन ये आवास भी जर्जर अवस्था में थे.