मुंबई, 16 मार्च मुंबई की एक अदालत ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियान के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक और भ्रामक बयान देने के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक बेटे नितेश राणे को बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी अदालत) एस यू बघेले ने उनकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका मंजूर कर ली।
सालियान (28) ने आठ जून 2020 को उपनगर मलाड में एक ऊंची इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके छह दिन बाद राजपूत यहां बांद्रा इलाके में अपने फ्लैट में फांसी से लटके पाए गए थे।
केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे और भाजपा विधायक नितेश राणे के खिलाफ यहां मालवणी पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था।
सालियान की मां ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि नारायण राणे ने अपने बेटे की मौजूदगी में 19 फरवरी 2022 को एक संवाददाता सम्मेलन में दिशा की मौत के बारे में मानहानिजनक और भ्रामक दावे किए थे।
मामले में गिरफ्तारी के डर से पिता-पुत्र ने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी थी।
उनके वकील सतीश मानशिंदे ने मंगलवार को अदालत में कहा कि नारायण राणे और नितेश राणे महाराष्ट्र सरकार के लिए ‘‘पंचिंग बैग’’ बन गए हैं। उन्होंने तर्क दिया कि एक बयान के अलावा कोई अन्य सबूत नहीं है और उनके खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज किए गए हैं।
विशेष लोक अभियोजक अशोक घरात ने दलील दी थी कि पुलिस ‘‘तथ्य और कानून के अनुसार चल रही है न कि राजनीतिक शत्रुता के अनुसार।’’ उन्होंने कहा कि सालियान की मौत की विस्तृत जांच की गयी और उनका परिवार इससे संतुष्ट है।
उन्होंने कहा, ‘‘नारायण राणे एक माननीय केंद्रीय मंत्री हैं, नितेश एक माननीय विधायक हैं...वे आम लोग नहीं हैं...उनसे जिम्मेदारी के साथ बात करने की उम्मीद की जाती है।’’
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