MP Violence: खरगोन में कर्फ्यू जारी, अधिकारियों ने परिवारों के पलायन से इनकार किया
मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में बुधवार को तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा. अधिकारियों ने 100 से अधिक परिवारों को शहर से पलायन करने के लिए मजबूर किए जाने संबंधी खबरों को खारिज किया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चौरसिया ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है.
खरगोन, 13 अप्रैल : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में बुधवार को तीसरे दिन भी कर्फ्यू जारी रहा. अधिकारियों ने 100 से अधिक परिवारों को शहर से पलायन करने के लिए मजबूर किए जाने संबंधी खबरों को खारिज किया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीरज चौरसिया ने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. खरगोन में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद हुई हिंसा में शामिल होने के आरोप में अब तक लगभग 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा के बाद रविवार शाम को पूरे खरगोन शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि कर्फ्यू तीसरे दिन भी जारी है और केवल चिकित्सा आपात स्थितियों में राहत दी जा रही है. भोपाल में मौलवियों द्वारा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को सौंपे गए एक ज्ञापन जिसमें आरोप लगाया गया था कि रामनवमी के जुलूस के दौरान एक मस्जिद की दीवार पर धार्मिक झंडे लगाए गए थे, के बारे में पूछे जाने पर चौरसिया ने इनकार करते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ था.
उन्होंने कहा कि इस मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर खरगोन की नहीं है. अधिकारी ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की. मौलवियों ने भोपाल में मंगलवार को आरोप लगाया था कि खरगोन जिला प्रशासन ने बिना किसी जांच के जल्दबाजी में की गई कार्रवाई में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के कई घरों और संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया, जिससे 100 से अधिक मुस्लिम परिवारों को शहर से पलायन करना पड़ा. उप-प्रभागीय न्यायाधीश मिलिंद ढोके ने बुधवार को कहा कि 100 से अधिक परिवारों को विभिन्न संकटग्रस्त इलाकों से पलायन करने के लिए मजबूर करने की खबरें ‘‘ सच ’’ नहीं हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, "जिन लोगों के घर जला दिए गए या क्षतिग्रस्त हो गए, वे अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं और ऐसे परिवारों की संख्या केवल दो-तीन है." यह भी पढ़ें : Biggest Comet: डरने की जरूरत है? धरती की तरफ आ रहा इतिहास का सबसे बड़ा धूमकेतु, भयानक है रफ्तार
संकटग्रस्त संजय नगर इलाके के निवासी संतोष माली ने दावा किया कि वासुदेव नाम के एक व्यक्ति ने हिंसा के बाद अपना घर 'बिक्री के लिए' रख दिया और इलाके से चला गया. संभागीय आयुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति की समीक्षा के लिए कस्बे में डेरा डाले हुए हैं. उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात मोहन टॉकीज इलाके के दो होटल से 15 संदिग्धों को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब पुलिस और अन्य अधिकारी वहां अवैध निर्माणों को गिराने के लिए बुलडोजर के साथ गए थे. उन्होंने बताया कि पुलिस संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.