देश की खबरें | हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका पर मप्र उच्च न्यायालय का फैसला सुरक्षित

इंदौर, 25 जनवरी हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में गुजरात के हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तारी के बाद फारुकी यहां न्यायिक हिरासत के तहत केंद्रीय जेल में बंद हैं।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सभी संबद्ध पक्षों की करीब 30 मिनट तक दलीलें सुनने के बाद फारुकी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। एकल पीठ ने अभियोजन पक्ष और हास्य कलाकार की जमानत याचिका पर आपत्ति जताने वाले दो स्थानीय वकीलों से मामले से जुड़े दस्तावेज भी तलब किए।

वरिष्ठ अधिवक्ता तथा राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने फारुकी की ओर से पैरवी करते हुए हास्य कलाकार के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठाए।

तन्खा के मुताबिक उनके मुवक्किल ने इंदौर के एक कैफे में एक जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में ऐसा कोई भी शब्द नहीं कहा था जिससे किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती हो और उनके मंच पर पहुंचते ही शिकायतकर्ता (भाजपा विधायक का बेटा) ने हंगामा करते हुए कार्यक्रम रुकवा दिया था।

सरकारी वकील अमित सिंह सिसोदिया ने फारुकी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आरोपों पर जोर देते हुए हास्य कलाकार की जमानत याचिका के खिलाफ दलीलें पेश कीं।

स्थानीय अधिवक्ताओं-राजेश जोशी और मनीष गुप्ता ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का हवाला देते हुए फारुकी की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में आपत्ति जताई। आपत्तिकर्ताओं ने कहा कि हास्य कलाकार अपनी पुरानी प्रस्तुतियों में भी हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियां कर चुका है और उसकी ये टिप्पणियां ऑनलाइन माध्यमों पर सामने आ चुकी हैं।

गौरतलब है कि जिला अदालत के एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और इसके बाद एक सत्र न्यायाधीश फारुकी की जमानत अर्जियां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी थीं। इसके बाद हास्य कलाकार ने जमानत पर रिहाई के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारुकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था। विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं।

चश्मदीदों के मुताबिक एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारुकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विवादास्पद कार्यक्रम को लेकर पांचों लोगों को भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था। बाद में इस कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के आरोप में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।

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