भोपाल, 17 अप्रैल लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत मध्य प्रदेश की छह सीट के लिए 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए बुधवार शाम छह को प्रचार अभियान थम गया। इन छह सीट पर 88 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को छह सीट पर प्रचार थमने से पहले मध्य प्रदेश में विकास के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया; वहीं कांग्रेस ने महिलाओं को वित्तीय सहायता, जाति आधारित गणना और किसानों को उनकी उपज के लिए "सही" कीमत देने का वादा किया।
19 अप्रैल को होने वाले पहले चरण में राज्य की छह सीटों पर चुनाव लड़ रहे 88 उम्मीदवारों की किस्मत अब मतदाताओं द्वारा तय की जाएगी, जिसमें कांग्रेस के छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ और मंडला (एसटी) से प्रत्याशी और मौजूदा केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा सीट पर शाम छह बजे प्रचार थम गया। नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले का हिस्सा बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार शाम चार बजे समाप्त ही हो गया।
अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) अनुपम राजन ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मतदान से 48 घंटे पहले कोई भी बाहरी व्यक्ति इन क्षेत्रों में न रहे।
अधिकारी ने कहा कि 57.02 लाख पुरुष, 55.66 लाख महिला और 184 तृतीय लिंग सहित लगभग 1.12 करोड़ मतदाता शुक्रवार को पहले चरण के दौरान अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसके लिए 13,570 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले चरण के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत सात अप्रैल को जबलपुर में एक विशाल रोड शो के साथ की थी।
जबलपुर राज्य के महाकोशल क्षेत्र का हिस्सा है और इसमें छिंदवाड़ा शामिल है, जो एकमात्र लोकसभा सीट है जिसे भाजपा 2019 के चुनावों में जीतने में विफल रही थी। मध्य प्रदेश की बाकी 28 सीटों पर सत्ताधारी पार्टी ने जीत हासिल की थी।
नौ अप्रैल को बालाघाट जिले में एक रैली में मोदी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उसके घटक भ्रष्टों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं और देश के विकास को रोकने के लिए उन्हें गाली दे रहे हैं और धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव नए भारत के निर्माण का एक मिशन है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के तीसरे कार्यकाल में बड़े और ऐतिहासिक फैसले लेने के लिए लोगों का आशीर्वाद मांगा।
कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंडला और शहडोल लोकसभा क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित करके पहले चरण के लिए अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की।
गांधी ने हर साल एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के खातों में एक लाख रुपये अंतरण करने का वादा किया और चुनाव जीतने का भरोसा जताया।
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने मंडला निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत सिवनी जिले के धनोरा में अपनी पहली सभा को संबोधित किया और आश्वासन दिया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो बेरोजगार युवाओं को गारंटीकृत प्रशिक्षुता प्रदान करेगी।
उन्होंने दावा किया कि हमारे घोषणापत्र में हमारे द्वारा उठाए गए तीन से चार क्रांतिकारी कदमों का उल्लेख है जैसे कि एससी और एसटी श्रेणियों, पिछड़े वर्गों की महिलाओं और गरीब परिवारों की महिलाओं के (बैंक) खातों में एक लाख रुपये जमा करना। इस तरह हम उनके खातों में हर महीने हजारों रुपये पहुंचाएंगे।
कांग्रेस ने मंडला सीट से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के खिलाफ पूर्व मंत्री और विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मैदान में उतारा है।
मोदी के अलावा, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर सहित शीर्ष भाजपा नेताओं ने पहले चरण में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
शाह ने कांग्रेस नेता कमल नाथ और उनके परिवार के गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा में एक रोड शो किया। भाजपा की कोशिश इस सीट पर जीत दर्ज कर और शेष पर कब्जा बरकरार रख ‘क्लीन स्वीप’ करने की है।
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता पहले चरण से पहले प्रचार के लिए मध्य प्रदेश नहीं आया।
राज्य के शीर्ष कांग्रेस नेताओं में से, कमलनाथ जहां छिंदवाड़ा तक ही सीमित हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का ध्यान अब राजगढ़ लोकसभा सीट पर है, जहां से उनका मुकाबला भाजपा के दो बार के सांसद रोडमल नागर से है।
पहले चरण के दौरान प्रचार में हिस्सा लेने वाले अन्य नेताओं में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव भी शामिल थे।
भाजपा का अभियान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उठाए गए विकास के मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमता रहा। कांग्रेस ने भी जाति आधारित गणना कराने और किसानों को उनकी उपज के लिए "सही" कीमत प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया।
मोदी ने कांग्रेस नेता के एक झटके में देश से गरीबी हटाने के दावे पर भी गांधी पर निशाना साधा और कहा कि सबसे पुरानी पार्टी लंबे समय तक सत्ता में रही, लेकिन गरीबी हटाओ का नारा लगाने के अलावा इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया।
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