जर्मनी में ज्यादातर लोग 'ग्रीन' अर्थव्यवस्था के हक में
एक हालिया सर्वे में 90 फीसदी से ज्यादा जर्मन लोगों ने अर्थव्यवस्था में पर्यावरण का विशेष महत्व माना.
एक हालिया सर्वे में 90 फीसदी से ज्यादा जर्मन लोगों ने अर्थव्यवस्था में पर्यावरण का विशेष महत्व माना. जबकि 61% लोगों ने कहा कि वे जलवायु-अनुकूल नीतियों का समर्थन करने वाली पार्टी को वोट करेंगे.जर्मन लोग जलवायु को एक गंभीर मसला मानते हैं और इसके लिए कदम उठाना जरूरी समझते हैं. जर्मन संघीय पर्यावरण एजेंसी (यूबीए) द्वारा प्रकाशित एक सर्वे के मुताबिक, जर्मनी में ज्यादातर लोग अर्थव्यवस्था को अधिक जलवायु-अनुकूल बनाने के पक्ष में हैं. सर्वे में भाग लेने वाले 91% लोगों ने कहा कि वे जर्मनी की अर्थव्यवस्था को ग्रीन बनाने के पक्ष में हैं. हालांकि, सर्वे में उनसे इसके लिए उठाये जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में नहीं पूछा गया. ज्यादातर लोगों की नजर में जलवायु के हिसाब से अर्थव्यवस्था को बदलना अहम है.
जर्मन अर्थव्यवस्था में बदलाव
ज्यादातर लोगों ने कंपनियों के ज्यादा जलवायु-अनुकूल तरीके से काम करने को महत्व दिया. इसके साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों को पर्यावरण के हित में जीवन जीने के विकल्प चुनने में सहायता करने का भी समर्थन किया. जैसे कि उन्हें काम पर आने के लिए साइकिल देना. लेकिन साथ ही, 81% ने जर्मन अर्थव्यवस्था में सुधार से जुड़ी बढ़ती लागत, जैसे बिजली, घरों को गर्म रखने की व्यवस्था और भोजन की लागत से जुड़ी चिंता भी व्यक्त की.
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सोशल डेमोक्रैट, ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रेट पार्टियों की वर्तमान गठबंधन सरकार की नीतियों के पक्ष में सिर्फ 35% लोग रहे जबकि, लगभग 41% ने कहा कि नीतियां बहुत प्रभावशाली नहीं हैं. यूबीए के अध्यक्ष डिर्क मेस्नर ने कहा, "यह बेहद अहम है कि ऐसा स्पष्ट बहुमत मूल रूप से अर्थव्यवस्था के पारिस्थितिक परिवर्तन के पक्ष में हो." उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए कहा, "अगर हमें जलवायु संरक्षण लक्ष्यों को पूरा करना है और दो डिग्री की सीमा से परे वार्मिंग के खतरों को रोकने में अपनी भूमिका निभानी है तो अर्थव्यवस्था में कार्बन उत्सर्जन कम करना जरूरी है."
धारणा और कार्रवाई
57% जर्मन लोग जलवायु परिवर्तन को गंभीर मुद्दा समझते हैं जबकि 67% स्वास्थ्य व्यवस्था को अहम मानते हैं. लोगों ने जलवायु को अहम इसीलिए माना क्योंकि 85% लोगों ने सूखा और निम्न जल स्तर जैसे जलवायु परिवर्तन के गहरे प्रभावों को देखा है. हालांकि, पिछले सालों की तरह लोगों के निजी व्यवहार और जलवायु समस्या की धारणा में अंतर महसूस किया गया.
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सर्वे में पाया गया कि कई लोग जलवायु परिवर्तन के मुद्दों से भावनात्मक रूप से प्रभावित होते हैं लेकिन उनके काम उनकी चिंताओं से मेल नहीं खाते हैं. जबकि 55% लोगों ने इंसानों द्वारा प्रकृति को नुकसान पहुंचाने पर दुख जाहिर किया. इसके अलावा, 61% लोगों ने कहा कि वे जलवायु-अनुकूल नीतियों का समर्थन करने वाली पार्टी को वोट करेंगे और 36% पर्यावरण ग्रुप्स को पैसे डोनेट करेंगे.
पीवाई/एसबी (एएफपी,रॉयटर्स,डीपीए))