जरुरी जानकारी | विदेशी बाजारों में तेजी से अधिकांश तेल तिलहन कीमतों में सुधार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख और खाद्य तेल आपूर्ति कम होने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में मंगलवार को सोयाबीन, सरसों तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें सुधार दर्शाती बंद हुईं, जबकि ऊंचे भाव पर मांग कमजोर रहने से मूंगफली तेल-तिलहन हानि दर्शाते बंद हुए।
नयी दिल्ली, 23 जनवरी विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख और खाद्य तेल आपूर्ति कम होने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में मंगलवार को सोयाबीन, सरसों तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें सुधार दर्शाती बंद हुईं, जबकि ऊंचे भाव पर मांग कमजोर रहने से मूंगफली तेल-तिलहन हानि दर्शाते बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में सुधार का रुख रहा।
उन्होंने कहा कि विदेशों में बाजार मजबूत रहे तथा पश्चिम एशिया में तनाव की वजह से परिवहन व्यवधान के कारण देश में खाद्य तेलों की आपूर्ति कम हो सकती है। देश में सॉफ्ट ऑयल का आयात कम हुआ है और हाजिर मांग बढ़ने पर खाद्य तेलों के मामले में दिक्कत आ सकती है। जो आयात हुआ भी है वह अधिक लंबे मार्ग से आने के कारण उसके आने में समय लग सकता है। दूसरी ओर देश के खाद्य तेल व्यापारियों के पास खाद्य तेलों का स्टॉक बनाने की क्षमता प्रभावित हुई है। वे केवल उतनी ही खरीद करते हैं जितने की उन्हें आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि पाम पामोलीन अब महंगा हो चला है जिसकी वजह से इन तेलों का आयात कम हो रहा है।
सूत्रों ने कहा कि मौजूदा स्थिति आगे जाकर तेल- तिलहन उत्पादन को प्रभावित कर सकती है क्योंकि सरसों, सोयाबीन, मूंगफली आदि बोने से किसानों को उतना फायदा नहीं है जहां इनमें से कई फसलों के लिए मंडियों में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम की पेशकश की जाती है। इसके मुकाबले मोटे अनाज में किसानों को अधिक फायदा मिलने का भरोसा है और इनकी प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी सोयाबीन, सरसों से कहीं अधिक है। सरकार ने भी एथनॉल उत्पादन के लिए मक्का जैसे मोटे अनाज की ओर ध्यान देना शुरु किया है। ऐसे में डर यह है कि किसान सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, बिनौला की जगह मोटे अनाज का रुख कर लें। जब किसानों के उत्पाद बाजार में खपेंगे नहीं और एमएसपी से भी कम कीमत उन्हें मिलेगी तो प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादकता वाले मोटे अनाज उन्हें अधिक लुभा सकते हैं।
मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,380-5,430 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,500-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,300 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,280-2,555 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,700 -1,795 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,700 -1,800 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,025 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,050 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,500 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,150 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,450 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,905-4,935 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,715-4,755 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।
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