जरुरी जानकारी | पैसों की तंगी के कारण कमजोर मांग से अधिकांश तेल-तिलहन में गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. आयातित खाद्य तेलों का ‘कहर’ जारी रहने और पैसों की तंगी की वजह से सस्ते आयातित खाद्य तेलों के दबाव में तेल पेराई मिलों द्वारा लागत से कम दाम पर खाद्य तेलों की बिकवाली करने से बुधवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में बिनौला को छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहनों के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

नयी दिल्ली, 31 जुलाई आयातित खाद्य तेलों का ‘कहर’ जारी रहने और पैसों की तंगी की वजह से सस्ते आयातित खाद्य तेलों के दबाव में तेल पेराई मिलों द्वारा लागत से कम दाम पर खाद्य तेलों की बिकवाली करने से बुधवार को देश के तेल-तिलहन बाजारों में बिनौला को छोड़कर बाकी सभी तेल-तिलहनों के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि बिनौला का अब कोई स्टॉक नहीं रह गया है और इसमें कारोबार नगण्य हो चला है। इसके तेल के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए। लेकिन आयातित तेलों के थोक दाम बेहद सस्ता होने और मई, 2022 के मुकाबले लगभग 55-60 प्रतिशत कम होने की वजह से अत्यधिक मात्रा में आयात किये जाने के कारण देश के तेल-तिलहन उद्योग की हालत पस्त हो चली है। लगता नहीं है कि इस बात की किसी को चिंता भी है क्योंकि अभी तक स्थिति को नियंत्रित करने के कोई प्रयास नहीं दिख रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि सस्ते आयात को बढ़ावा देने का मकसद सिर्फ इतना था कि उपभोक्ताओं को सस्ते में खाद्य तेल मिल सके पर ऐसा तो हो नहीं रहा। सस्ते आयातित तेलों का थोक दाम काफी नीचे आने के बावजूद खुदरा बाजार में इन तेलों के दाम क्यों नहीं घट रहे, इसपर तो किसी को सोचना होगा। कम से कम जो संगठन खाद्य तेल-तिलहन कारोबार की देखरेख में लगे हैं, उन्हें तो मंहगे खुदरा दाम के का कारण स्पष्ट करना चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि हरियाणा में राज्य सरकार की ओर से जांच दस्ते द्वारा खाद्य भंडार गृह में रखे तिलहन के नमूने लिये गये हैं क्योंकि उन्हें किसी खरीदार के द्वारा इन खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत मिली थी। इसकी जांच चल रही है। वैसे सरकार को भंडारगृह में रखे खाद्य वस्तुओं की निरंतर जांच करानी चाहिये ताकि उपभोक्ताओं तक सही अवस्था में खाद्य वस्तुओं की पहुंच हो सके।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,830-5,880 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,500-6,775 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,600 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,335-2,635 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 11,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,855-1,955 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,855-1,980 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,425 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,480 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,375 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,640 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,740 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,405-4,425 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,215-4,340 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।

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