देश की खबरें | लखनऊ में पांच लाख से अधिक लोगों ने ईद की नमाज अदा की
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में ईद उल फितर की नमाज अदा हुई जिसमें पांच लाख़ से ज्यादा लोगों ने इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फंरगी महली की इमामत में नमाज़ अदा की और लखनऊ, उत्तर प्रदेश तथा पूरे देश में अमन एवं शान्ति के लिए विशेष दुआयें की।
लखनऊ, तीन मई लखनऊ के ऐशबाग ईदगाह में ईद उल फितर की नमाज अदा हुई जिसमें पांच लाख़ से ज्यादा लोगों ने इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फंरगी महली की इमामत में नमाज़ अदा की और लखनऊ, उत्तर प्रदेश तथा पूरे देश में अमन एवं शान्ति के लिए विशेष दुआयें की।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी समेत कई प्रमुख लोगों ने ईद उल फितर की मुबारकबाद दी।
इस मौके पर अपने संबोधन में ब्रजेश पाठक ने कहा, '' हजरत मुहम्मद साहब ने दुनिया को अमन एवं शांति का पैगाम दिया है और ईद में हम एक दूसरे के गले मिल कर दुनिया को आपसी सौहार्द का संदेश देते हैं।''
पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, " हमारा प्रदेश गंगा जमनी तहजीब की एक बड़ी मिसाल है और ईदगाह से हमेशा यही पैगाम दिया जाता है। जिस स्थान पर (लखनऊ में) रामलीला का मंचन किया जाता है, वह ईदगाह के सामने है।''
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने कहा, ''हम सबको सब त्योहार मिलजुल कर मनाना चाहिए और यह हमारे देश की शान है।''
उन्होंने कहा कि ईद में हम गले मिलकर एक होने का संदेश देते हैं।
ईदगाह समिति के अधिकारियों ने कहा कि ईदगाह पर ईद की नमाज अदा करने के लिए महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंची और उनके लिए नमाज अदा करने की विशेष व्यवस्था की गई।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि ईद खुशी, भाईचारे और शांति का संदेश देती है और यह दिन पूरे देश और दुनिया में मनाया जाता है।
ईदगाह पर नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा हुए लोगों को संबोधित करते हुए खालिद रशीद ने कहा, ''इस्लाम धर्म ने सबसे पहले मानव अधिकार को बताया है और विश्व को मानव अधिकार की अहमियत से अवगत कराया है। इसके बहुत से उदाहरण इस्लामी शरीअत और इतिहास में मौजूद हैं।''
उन्होंने कहा कि इसमें चाहे हुजूर पाक के अलविदाई खुतबा हो या जकात का नियम या सद्के के नियम या मजदूर के पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी अदा करने का आदेश हो, आज भी अगर दुनिया इन आदेशों पर अमल करने लगे तो विश्व से अन्याय और गरीबी का अंत हो सकता है।
उन्होंने बच्चों में अच्छी शिक्षा की भी अपील की और लोगों से एक बच्चे को शिक्षा देने की जिम्मेदारी लेने का भी आग्रह किया। ?
उन्होंने कहा, "रमजान का पवित्र महीना हमें सिखाता है कि हमें नफरत और दुश्मनी की भावना को दूर कर एक दूसरे को गले लगाना चाहिए और भाईचारे, प्यार और सहानुभूति का संदेश देना चाहिए।"
स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा, "हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए, विशेष रूप से वे जो कुरान में वर्णित हैं।
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