देश की खबरें | मोरबी पुल हादसा: उच्च न्यायालय ने ओरेवा समूह के सीएमडी जयसुख पटेल की जमानत याचिका खारिज की

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अहमदाबाद, 19 दिसंबर गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ओरेवा समूह के मुख्य प्रबंधन निदेशक (सीएमडी) जयसुख पटेल की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी।

पटेल अक्टूबर 2022 में मोरबी ‘सस्पेंशन’ पुल ढहने के मामले में मुख्य आरोपी हैं। इस दुर्घटना में 135 लोगों की जान चली गई थी।

न्यायमूर्ति दिव्येश जोशी ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘आवेदन खारिज किया जाता है।’’

पटेल ने इस मामले में मुख्य आरोपी बनाये जाने के बाद इस साल जनवरी में आत्मसमर्पण कर दिया था। उसके बाद से ही वह कैद में हैं।

आरोपी की नियमित जमानत याचिका पहले भी निचली अदालतों ने खारिज कर दी थी।

गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर अंग्रेजों के जमाने के ‘सस्पेंशन’ पुल के संचालन और रखरखाव का जिम्मा पटेल की कंपनी के पास था। यह पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था जिसमें कुछ बच्चों सहित 135 लोगों की मौत हो गई थी और 56 लोग घायल हो गए थे।

पटेल और नौ अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), धारा 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 336 (मानव जीवन को खतरे में डालने वाला कार्य), धारा 337 (किसी भी कृत्य से किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाना) और धारा 338 (जल्दबाजी या लापरवाही से कार्य करके गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले में 10 आरोपियों में से चार जेल में हैं, जिनमें ओरेवा समूह के प्रबंधक और मरम्मत कार्य करने वाली कंपनी देवप्रकाश सॉल्यूशंस के दो मालिक शामिल हैं। गुजरात सरकार ने पटेल की जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था और अदालत पर इसका फैसला छोड़ दिया था।

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