चंद्रमा की चाल से तटीय क्षेत्रों में बढ़ता है बाढ़ का खतरा, जानें ऑस्ट्रेलिया के लिए क्या हैं इसके मायने
केप क्लीवलेंड (ऑस्ट्रेलिया), 25 जुलाई (द कन्वरसेशन) इस महीने दुनिया के कई शहर भीषण बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए। चीन के हेनान प्रांत में इस हफ्ते महज तीन दिनों में साल भर की बारिश हो गयी.
केप क्लीवलेंड: (द कन्वरसेशन) इस महीने दुनिया के कई शहर भीषण बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए. चीन के हेनान प्रांत में इस हफ्ते महज तीन दिनों में साल भर की बारिश हो गयी. पिछले हफ्ते, पश्चिमी जर्मनी और बेल्जियम के कुछ हिस्सों में विनाशकारी बाढ़ आई। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में लगातार 17 दिनों तक बारिश हुई जिससे 20 वर्षों में जुलाई में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड टूट गया। लेकिन, मूसलाधार बारिश ही बाढ़ का एकमात्र कारण नहीं है. ऑस्ट्रेलिया में कई तटीय कस्बे और शहर पहले से बाढ़ के खतरे का सामना करते रहे हैं. यह घटना ऊंची लहरें उठने के दौरान ज्यादा होती है.
नासा और हवाई विश्वविद्यालय के एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि 2030 के दशक के मध्य में बाढ़ से स्थिति बदतर हो सकती है क्योंकि चंद्रमा की कक्षा के एक और चरण की शुरुआत हुई है, जिसका जुड़ाव जलवायु परिवर्तन से समुद्र के बढ़ते स्तर के साथ है। यह अध्ययन अमेरिका में किया गया था। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में समुद्र तट की विशाल लंबाई और वहां रहने वाले लोगों के लिए इसके निष्कर्षों का क्या अर्थ है? हम जानते हैं कि समुद्र का जल स्तर जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहा है, और यह भी जानते हैं कि समुद्र के स्तर में छोटी सी भी वृद्धि तूफान के दौरान बाढ़ का खतरा बढ़ा देती है. यह भी पढ़े: Moon’s Wobble: चंद्रमा के ‘डगमगाने’ से पृथ्वी पर आएगी विनाशकारी बाढ़, NASA के स्टडी से हुआ चौंकाने वाला खुलासा
हम बाढ़ की घटनाओं के ऐतिहासिक और पाषाण काल के रिकॉर्ड से जानते हैं कि ज्यादातर नहीं भी तो कई मामलों में तटीय बाढ़ के प्रत्यक्ष रूप से अनुभव के आधार पर कहा जा सकता कि भविष्य में क्या होगा. बाढ़ विशेष रूप से गंभीर होती है जब एक तूफान का उच्च ज्वार के साथ जुड़ाव होता है और यहीं पर नासा और हवाई विश्वविद्यालय के नए शोध ने एक और खतरे की पहचान की। शोधकर्ताओं ने चंद्रमा के कक्षा में ‘‘डगमगाने’’ के 18.6-वर्षीय चक्र के चरण को देखा, जिसे पहली बार 1728 में पहचाना गया था. सूर्य के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा समतल बिल्कुल नहीं है बल्कि वास्तविक कक्षा थोड़ा ऊपर और नीचे दोलन करती है। एक छड़ी पर घूमने वाली प्लेट के बारे में सोचें- जैसे कि जब प्लेट घूमती है, लेकिन ऊपर और नीचे भी घूमती है.
चंद्रमा अपनी डगमगाती कक्षा के विशेष भागों में होता है तो यह महासागरों में पानी को थोड़ा और ऊपर की तरफ खींचता है। इसका मतलब है कि 18.6 साल के चक्र के दौरान कुछ वर्षों के लिए उच्च ज्वार की तुलना में वे अधिक होते हैं. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया में क्या होगा? ऑस्ट्रेलिया में वे स्थान जहां ज्वार-भाटे का दायरा सबसे अधिक होता है और जो डगमगाने से सबसे अधिक प्रभावित होंगे, वे प्रमुख जनसंख्या केंद्रों के करीब नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े ज्वार मध्य क्वींसलैंड में हे पॉइंट के पास और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के किम्बरली क्षेत्र में डर्बी के पास ब्रॉड साउंड के करीब हैं। हालांकि, कई ऑस्ट्रेलियाई शहरों के उपनगर हैं जहां तेज ज्वार के दौरान नियमित रूप से बाढ़ आती हैं.
शायद पानी के साथ रहने का तरीका सीखना होगा। नीदरलैंड के पास इसका व्यापक अनुभव है. समूचे समुदायों को स्थानांतरित करने या समुद्र की दीवारों जैसे बड़े अवरोधों का निर्माण करने के बजाय, यह देश बाढ़ के समग्र प्रभाव को कम करने के तरीके खोज रहा है। इसमें अधिक लचीले भवन का डिजाइन बनाने या बाढ़ के खतरे वाले स्थानों पर शहरी विकास को कम करना शामिल है. इसका मतलब है कि बाढ़ जब आएगी तो बुनियादी ढांचे को कम नुकसान होगा.
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