नयी दिल्ली, 9 जून : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को बताया कि मानसून सामान्य गति से आगे बढ़ रहा है और अगले दो दिनों में इसके महाराष्ट्र पहुंचने की संभावना है. मौसम विज्ञान कार्यालय ने इसके साथ ही 10 और 11 जून को अरुणाचल प्रदेश में और अगले पांच दिनों तक असम व मेघालय में मूसलाधार बारिश (204.4 मिलीमीटर से अधिक) की चेतावनी दी है. गौरतलब है कि देश में वार्षिक बारिश में 70 प्रतिशत बारिश मानसूनी हवाओं से होती है और इसे कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जीवनरेखा माना जाता है. आईएमडी के वैज्ञानिक आर. के. जेनामणि ने बताया कि मानसून ने 29 मई को केरल तट पर दस्तक दी और 31 मई से सात जून के बीच दक्षिण एवं मध्य अरब सागर, पूरे केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था.
जेनामणि ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ मानसून में कोई विलंब नहीं है. अगले दो दिनों में इसके महाराष्ट्र पहुंचने की संभावना है और उसके बाद के दो दिनों में पूरे मुंबई में मानसून पहुंच जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तेज हवाएं हैं और अगले दो दिन में बादल बनने लगेंगे.’’ जेनामणि ने बताया कि अगले दो दिनों में गोवा और महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. आईएमडी ने पिछले महीने बताया था कि इस साल दक्षिण पश्चिम मानसून सामान्य रहेगा और गत 50 साल के औसत 87 सेंटीमीटर वर्षा के मुकाबले 103 प्रतिशत बारिश होगी. यह लगातार सातवां साल होगा जब जून से सितंबर के बीच देश में सक्रिय रहने वाले मानूसन के दौरान देश में सामान्य वर्षा होगी. यह भी पढ़ें : पंजाब : मोहाली की हाउसिंग सोसायटियों से 20 लोग हिरासत में लिए गए, हथियार, नकदी जब्त
जेनामणि ने बताया कि अगले कुछ दिनों तक अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में भारी बारिश का पूर्वानुमान है. असम में पिछले महीने भी बाढ़ आ चुकी है. मानसून पूर्व हुई भारी बारिश और उससे आई बाढ़ की वजह से सड़क, रेल पटरियों और पुलों सहित अवसंरचना को भारी नुकसान हुआ. जब जेनामणि से पूछा गया कि दिल्ली-एनसीआर और देश के पश्चिमोत्तर भारत तक क्या मानसून सामान्य तारीख तक पहुंच जाएगा तो उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. पिछले साल आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया था कि दिल्ली तक मानूसन 27 जून की सामान्य तारीख से दो सप्ताह पहले ही पहुंच जाएगा, लेकिन यह 13 जुलाई को पहुंचा जो गत 19 साल में सबसे देरी से पहुंचने का रिकॉर्ड है.