नयी दिल्ली, सात मार्च प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात की और युद्धग्रस्त देश के पूर्वोत्तर इलाके के शहर सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में उनसे मदद की गुजारिश की। साथ ही उन्होंने हिंसा को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया।
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता रहा है।
करीब 35 मिनट तक चली इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने पूर्वी यूरोपीय देश यूक्रेन में उभरती परिस्थितियों पर भी चर्चा की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के कारण सूमी में अभी भी 700 के करीब भारतीय छात्र फंसे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने सूमी में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों में यूक्रेन सरकार से मदद जारी रखने की अपील की।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी वार्ता की सराहना की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीयों को निकालने में यूक्रेन सरकार द्वारा की गई मदद के लिए जेलेंस्की का आभार जताया।
दोनों नेताओं के बीच बात ऐसे समय में हुई है, जब रूस के हमले का सामना कर रहे यूक्रेन से छात्रों समेत अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत हर संभव प्रयास कर रहा है।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद, दोनों नेताओं के बीच आज यह दूसरी वार्ता हुई है। इससे पहले, दोनों नेताओं ने 26 जनवरी को फोन पर बातचीत की थी।
दोनों नेताओं की बातचीत के बाद जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने देश के खिलाफ ‘रूस के हमलों’ का जवाब देने की जरूरत के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सूचित किया है और भारत ने मॉस्को के साथ सर्वोच्च स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को दिशा देने की यूक्रेन की प्रतिबद्धता को सराहा है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूसी हमलों से यूक्रेन के मुकाबले के बारे में सूचित किया है।’’
जेलेंस्की ने कहा, ‘‘भारत ने युद्ध के समय उसके नागरिकों की सहायता के लिए तथा सर्वोच्च स्तर पर शांतिपूर्ण वार्ता को दिशा देने के लिए यूक्रेन की प्रतिबद्धता की सराहना की है। यूक्रेन की जनता को समर्थन के लिए आभारी हूं। रूस को रोका जाए।’’
मोदी की जेलेंस्की से बात ऐसे समय में हुई है जब रूस ने यू्क्रेनी सहित अन्य देशों के नागरिकों की निकासी के लिए सोमवार को सुबह से संघर्ष-विराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की।
रूसी समाचार एजेंसी इंटरफेक्स ने स्थानीय अधिकारियों के हवाले से बताया कि रूस ने संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय रक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) और रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति को कीव, मारियूपोल, खारकीव और सूमी में मानवीय कॉरिडोर खोले जाने की जानकारी दी है।
इस बीच, प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वार्ता के दौरान जेलेंस्की ने युद्ध की स्थिति और यूक्रेन तथा रूस के बीच जारी बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में जारी युद्ध और इसके परिणामस्वरूप पैदा हुए मानवीय संकट पर चिंता जताई।
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने तत्काल हिंसा समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और इस बात को रेखांकित किया कि भारत हमेशा ही दोनों पक्षों के बीच सीधी वार्ता और मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर रहा है।
पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने संघर्ष जारी रहने और इसके परिणामस्वरुप पैदा हुए मानवीय संकट के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने हिंसा को तत्काल समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराया और कहा कि भारत हमेशा से मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान और दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता रहा है।’’
ज्ञात हो भारत रूस और यूक्रेन के शीर्ष नेताओं से युद्ध को तत्काल समाप्त कर, वार्ता और कूटनीति के जरिए मतभेदों को दूर करने की अपील करता आ रहा है।
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में अब भी फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा पर चिंता जताई और उनकी जल्द तथा सुरक्षित निकासी की आवश्यकता पर जोर दिया।
पीएमओ के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से 20,000 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकालने में सुविधा प्रदान करने के लिए यूक्रेनी अधिकारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने अभी भी यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा और संरक्षा के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की और उनकी त्वरित एवं और सुरक्षित निकासी की आवश्यकता पर बल दिया।’’
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