देश की खबरें | मोदी ने शायद भोपाल को संदेश देने के लिए जयपुर का नाम लिया: गहलोत

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जयपुर सहित देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम सबसे अधिक होने का जिक्र किए जाने पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि शायद भाजपा शासित भोपाल को संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम लिया।

जयपुर, 27 फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जयपुर सहित देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम सबसे अधिक होने का जिक्र किए जाने पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि शायद भाजपा शासित भोपाल को संदेश देने के लिए प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम लिया।

गहलोत ने कहा कि भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यों के वैट की बात की परन्तु केन्द्र सरकार के उत्पाद शुल्क की जानकारी नहीं दी।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने बुधवार को विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का मुद्दा छेड़ते हुए उनसे ‘‘राष्ट्र हित’’ में पेट्रोलियम उत्पादों पर से मूल्य वर्धित कर (वैट) घटाने की अपील की।

मुख्यमंत्रियों से साथ ऑनलाइन संवाद के बाद प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण में कहा कि चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई 111 रुपये प्रति लीटर की दर से भी ज्यादा पेट्रोल की कीमतें हैं।

इस बैठक में मुख्यमंत्री गहलोत भी मुंबई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे। गहलोत ने शाम को एक बयान जारी कर कहा,‘‘मुख्यमंत्रियों के साथ की गई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने आक्षेप लगाया कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती की गई परन्तु कई राज्यों ने वैट कम नहीं किए जिससे जनता को लाभ नहीं मिला।’’

गहलोत के अनुसार,‘‘ प्रधानमंत्री ने जयपुर का नाम तो लिया परन्तु वो संदेश भाजपा शासित राज्यों को ही देना चाह रहे थे क्योंकि आज भी भोपाल में पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें जयपुर से अधिक हैं। संभवत: भूलवश उन्होंने भोपाल को जयपुर बोल दिया।’’

गहलोत के अनुसार राजस्थान सरकार ने 29 जनवरी 2021 को पेट्रोल व डीजल पर दो प्रतिशत वैट कम किया था जबकि उस समय केन्द्र ने उत्पाद शुल्क में कोई कमी नहीं की थी।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने तो इसके दो दिन बाद पेश 2021-22 के बजट में डीजल पर चार रुपये एवं पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर का कृषि अवसंरचना व विकास नाम से नया उपकर लगा दिया। इससे जरूर राजस्थान की जनता को दो प्रतिशत वैट कम करने का लाभ नहीं मिल पाया।

बयान के अनुसार,‘‘केन्द्र सरकार ने आठ साल में उत्पाद शुल्क से करीब 26 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है। यह देश के इतिहास में किसी भी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर कर लगाकर अर्जित की गई सर्वाधिक धनराशि है।’’

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