जरुरी जानकारी | देशी तेल-तिलहन में मिला-जुला रुख, सरसों-मूंगफली में भारी गिरावट

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. विदेशी बाजारों में कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम बढ़ने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में शनिवार को सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में सुधार दर्ज हुआ।

नयी दिल्ली, 27 जनवरी विदेशी बाजारों में कच्चे पामतेल (सीपीओ) का दाम बढ़ने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजारों में शनिवार को सीपीओ और पामोलीन तेल के दाम में सुधार दर्ज हुआ।

दूसरी ओर शिकॉगो एक्सचेंज में सोयाबीन डीगम और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) के दाम घटने से यहां सोयाबीन सहित सरसों तेल तिलहन तथा मूंगफली तेल तिलहन के दाम में भारी गिरावट आई। सस्ते आयातित तेलों की मौजूदगी में बिनौला तेल कीमत भी गिरावट दर्शाती बंद हुई।

बाजार सूत्रों ने कहा कि 26 जनवरी को कच्चे पामतेल का भाव 930 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 940-945 डॉलर प्रति टन होने की वजह से यहां सीपीओ और पामोलीन के दाम में मजबूती आई। इस दाम बढ़ने की वजह से सीपीओ का आयात भी कम हो रहा है।

दूसरी ओर जिस सोयाबीन डीगम का दाम 935-940 डॉलर प्रति टन था वह घटकर 920-925 डॉलर प्रति टन रह गया है। इस गिरावट की वजह से सोयाबीन तेल तिलहन सहित सरसों और बिनौला तेल कीमतों में भी गिरावट देखी गई। सस्ते आयातित तेलों के मुकाबले मूंगफली के दाम बहुत अधिक होने से इसकी लिवाली कमजोर है।

गुजरात के सौराष्ट्र में मूंगफली की कई पेराई मिलें बंद पड़ी हैं क्योंकि इसका तेल बिक नहीं रहा है। किसानों को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत का भुगतान हो रहा है। उधर कई तेल कंपनियों ने कहा कि वह मार्च में एमआरपी में बदलाव का प्रयास करेंगी। सवाल यह है कि देशी तेल तिलहन लंबे समय से सस्ते आयातित तेलों का दवाब झेल रहीं हैं, किसानों की मूंगफली फसल अभी कम कीमत पर बिक रही है फिर मार्च तक रुकने का कोई औचित्य समझ नहीं आता ?

विदेशों में सोयाबीन डीओसी की मांग घटने से सोयाबीन तेल तिलहन में गिरावट है जबकि सस्ते आयातित तेलों के दवाब में बिनौलातेल कीमत में भी गिरावट दर्ज हुई।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द कंपनियों के लिए किसी सरकारी पोर्टल पर अपने अपने एमआरपी का नियमित तौर पर खुलासा करना अनिवार्य कर देना चाहिये इससे बाजार में एमआरपी के संदर्भ में पारदर्शिता बढ़ेगी।

शनिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन - 5,325-5,375 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली - 6,300-6,375 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,210-2,485 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,685 -1,780 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,685 -1,785 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,140 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,100 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 8,350 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,175 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 8,480 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना - 4,830-4,860 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,640-4,680 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,050 रुपये प्रति क्विंटल।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\