देश की खबरें | बृजभूषण के खिलाफ नाबालिग पहलवान की शिकायत: ‘क्लोजर रिपोर्ट’ पर 25 नवंबर को अदालत का आदेश

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान की यौन उत्पीड़न शिकायत में दिल्ली पुलिस की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार करने, या ना करने के विषय पर राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत 25 नवंबर को अपना आदेश पारित करेगी।

नयी दिल्ली, छह सितंबर भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एक नाबालिग पहलवान की यौन उत्पीड़न शिकायत में दिल्ली पुलिस की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ स्वीकार करने, या ना करने के विषय पर राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत 25 नवंबर को अपना आदेश पारित करेगी।

‘क्लोजर रिपोर्ट’ के जरिये जांच एजेंसी अदालत से मामला बंद करने का अनुरोध करती है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश छवि कपूर द्वारा आदेश शुक्रवार को पारित करने के कार्यक्रम था, लेकिन उनके छुट्टी पर रहने के चलते विषय को स्थगित कर दिया गया।

सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा था कि नाबालिग पहलवान ने एक अगस्त को न्यायाधीश के कक्ष में हुई कार्यवाही में अदालत से कहा था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और इसके द्वारा सौंपी गई ‘क्लोजर रिपोर्ट’ के खिलाफ नहीं है।

दिल्ली पुलिस ने 15 जून को अदालत में रिपोर्ट दाखिल कर नाबालिग पहलवान से जुड़े मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था। इससे पहले, उसके पिता ने जांच के बीच में यह दावा किया था कि उन्होंने अपनी बेटी के साथ हुए कथित अन्याय का बदला लेने के लिए सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत की थी।

पुलिस ने सिंह के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) मामला हटाने की सिफारिश की थी, लेकिन छह महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक अलग मामले में उनपर यौन उत्पीड़न और पीछा करने का आरोप लगाया था।

पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत को यह कहते हुए रद्द करने की सिफारिश की थी कि ‘‘कोई ठोस सबूत नहीं मिला है’’।

पॉक्सो कानून न्यूनतम तीन साल की कैद का प्रावधान करता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि अपराध किन धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।

‘क्लोजर रिपोर्ट’ के बाद, अदालत को यह निर्णय लेना है कि इसे स्वीकार किया जाए, या आगे की जांच का निर्देश दिया जाए।

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