नयी दिल्ली, 28 अप्रैल वाणिज्य मंत्रालय ने आयात पर निर्भरता कम करने के लिये रसायन, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद और इन्सुलिन इंजेक्शन जैसे 102 उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया है। कुल आयात में इन उत्पादों की हिस्सेदारी अधिक है।
मंत्रालय के आयातित वस्तुओं के विश्लेषण के अनुसार, देश में 102 उत्पादों की काफी मांग है और इनका आयात किया जाता है क्योंकि घरेलू आपूर्ति पर्याप्त नहीं है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘...अध्ययन के आधार पर पता चला कि 102 उत्पादों की मांग काफी अधिक है और कुल आयात में उसकी हिस्सेदारी 57.66 प्रतिशत है। इसको देखते हुए घरेलू उत्पादन अवसरों के लिये प्राथमिकता के आधार पर तत्काल हस्तक्षेप को लेकर कदम उठाये जा सकते हैं।’’
इसमें कहा गया है कि उद्योग मंडल, विनिर्माणकर्ता और उद्योग प्रमुख घरेलू मांग को पूरा करने के लिये इन उत्पादों के लिए घरेलू स्तर पर विनिर्माण क्षमता बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। इससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलने के साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
अध्ययन का मकसद उन वस्तुओं की पहचान करना था, जिनका निरंतर बड़े पैमाने पर आयात हो रहा है और कुल आयात में हिस्सेदारी अधिक है। इस पहल का मकसद इन उत्पादों के घरेलू उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना और आयात पर निर्भरता को कम करना है।
सोना, प्राकृतिक गैस, कच्चा पाम तेल और पर्सनल कंप्यूटर जैसे 88 उत्पादों के आयात में वृद्धि देखी जा रही है।
देश का आयात 2021-22 में 611.89 अरब डॉलर रहा जो 2020-21 में 394.44 अरब डॉलर था।
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