प्रवासी कामगार प्रदर्शन : नवाब मलिक ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति राकांपा का सदस्य नहीं
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मीडिया में कहीं-कहीं ये खबरें आईं कि दुबे राकांपा का सदस्य है लेकिन यह पार्टी की छवि खराब करने के लिए बोला गया झूठ और एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास है।
मुंबई, 15 अप्रैल राकांपा ने बुधवार को कहा कि विनय दुबे नाम का व्यक्ति पार्टी का सदस्य नहीं है, जिसके सोशल मीडिया पर डाले गए कथित संदेशों को देखकर सैकड़ों की संख्या में प्रवासी कामगार मंगलवार को बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे।
महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मीडिया में कहीं-कहीं ये खबरें आईं कि दुबे राकांपा का सदस्य है लेकिन यह पार्टी की छवि खराब करने के लिए बोला गया झूठ और एक दुर्भावनापूर्ण प्रयास है।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘हम यह साफ कर देना चाहते हैं कि विनय दुबे जिसे नवी मुंबई पुलिस ने और बाद में मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह राकांपा का सदस्य नहीं है।’’
नवी मुंबई के रहने वाले दुबे को बुधवार तड़के गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाली गई उसकी कुछ पोस्ट के बारे में पूछताछ की गई जिनके कारण ही मंगलवार को कथित तौर पर प्रवासी कामगार बड़ी संख्या में बांद्रा स्टेशन के बाहर इकट्ठे हुए थे।
दुबे ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डाला था जिसमें महाराष्ट्र सरकार से मांग की गई थी कि वह लॉकडाउन के कारण यहां फंसे प्रवासियों के लिए यात्रा इंतजाम करे।
प्रवासी कामगारों की परेशानियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए भाजपा विधायक आशीष शेलार ने बुधवार को मांग की कि अधिकारी मुंबई में फंसे प्रवासी कामगारों और महाराष्ट्र के बाहर रह रहे उनके परिजनों के बीच मोबाइल फोन पर बातचीत की व्यवस्था करे ताकि उनके बीच व्याप्त असंतोष कम हो सके।
शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे को लिखे पत्र में शेलार ने कहा कि पीड़ा की एक बड़ी वजह यह है कि प्रवासी कामगारों और उनके परिजनों के बीच कोई संवाद नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि कामगार परिजनों से बात नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके मोबाइल फोन की प्री-पेड रिचार्ज की सीमा खत्म हो चुकी है।
शेलार बांद्रा वेस्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से आए कामगारों की संख्या काफी अधिक है।
गौरतलब है कि विशेष रेलगाड़ियों के संचालन की अफवाह उड़ने के बाद मंगलवार को हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार लॉकडाउन को धता बताते हुए बांद्रा रेलवे स्टेशन के बाहर जमा हो गए थे।
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