Alwar Rape Case: मानसिक रूप से कमजोर लड़की का मामले पर मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा-सरकार किसी भी एजेंसी से जांच कराने को तैयार
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार अलवर जिले में मानसिक रूप से एक कमजोर किशोरी के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के विषय की पीड़िता के परिजनों की इच्छा के मुताबिक, शहर के बाहर के एक पुलिस अधिकारी, अपराध शाखा, एसओजी या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार है.
जयपुर, 16 जनवरी : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार अलवर जिले में मानसिक रूप से एक कमजोर किशोरी के बदहाल एवं घायल अवस्था में मिलने के विषय की पीड़िता के परिजनों की इच्छा के मुताबिक, शहर के बाहर के एक पुलिस अधिकारी, अपराध शाखा, एसओजी या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी किसी भी एजेंसी से जांच कराने के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री गहलोत ने इस मामले में ‘‘राजनीतिक रोटियां सेकने’’ को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आड़े हाथ लिया. एक सरकारी बयान में गहलोत ने कहा, ‘‘बलात्कार की बात से परिवारवालों पर क्या बीतती है, इसकी चिंता किए बगैर अलवर के विमंदित बालिका प्रकरण में भाजपा द्वारा राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए ऐसा घिनौना प्रचार किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है.’’ उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि वह किशोरी को सामूहिक बलात्कार पीड़िता बता रहा है, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में यह स्थापित हो गया है कि उसके साथ बलात्कार या यौन उत्पीड़न नहीं हुआ है..
मुख्यमंत्री ने कहा कि लड़की को आई चोटें के कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘राज्य की पुलिस मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर रही है. यदि फिर भी परिजन किसी विशिष्ट अधिकारी या सीआईडी, क्राइम ब्रांच, एसओजी अथवा सीबीआई से इस मामले की जांच करवाना चाहेंगे, तो राज्य सरकार इसके लिए भी तैयार है.’’ उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ है कि इस मामले में स्वतंत्र जांच हो एवं इस घटना की वास्तविकता सामने आए.’’ इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं ताकि सच्चाई सामने आए.’’ उन्होंने पुलिस पर इस मामले में रुख बदल लेने का आरोप लगाया और कहा कि राजस्थान जैसे शांतिपूर्ण राज्य में पिछले तीन वर्षों में अपराध बढ़े हैं. पूनिया ने दावा किया कि पीड़िता के साथ दरिदंगी की गई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक सरकारी बयान में कहा, ‘‘बलात्कार की बात से परिवारवालों पर क्या बीतती है, इसकी चिंता किए बगैर अलवर के विमंदित बालिका प्रकरण में भाजपा द्वारा राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए इस तरह का घिनौना प्रचार किया जा रहा है, जो बेहद निंदनीय है.’’
मामले के तूल पकड़ने के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने पीड़िता के पिता तथा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर बात की थी. राज्य पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा है कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है. हालांकि, पुलिस अभी यह पता लगा रही है कि किशोरी को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं. उल्लेखनीय है कि 14 वर्षीय किशोरी मंगलवार रात अलवर जिले में मालाखेड़ा थाना क्षेत्र में एक पुल पर बदहाल अवस्था में मिली थी. उसका जयपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता पूनिया ने कहा था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया, लेकिन राजस्थान में जो हुआ उसे नजरअंदाज कर दिया. इस बीच, भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को पीड़िता के परिवार से मिलने उसके गांव गया. भाजपा ने इस घटना के विरोध में 17 एवं 18 जनवरी को राज्य के सभी मंडलों पर व्यापक प्रदर्शन करने की घोषणा की है. यह भी पढ़ें : Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में पतंग के मांझे से गला कटने से महिला की मौत
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी धीरज गुर्जर ने शुक्रवार देर रात ट्वीट कर कहा था, ‘‘अलवर में जो घटना हुई है वह नाकबिले बर्दाश्त है. पीड़िता के पिता से प्रियंका गांधी की फोन पर बात हुई है और उन्हें हर तरह से मदद का भरोसा दिलाने के साथ-साथ किसी भी प्रकार की सहायता के लिए सीधे संपर्क करने के लिए कहा है.’’ गुर्जर ने अगले ट्वीट में कहा, ‘‘साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत से भी घटना के बारे में जानकारी लेने, पीड़िता के इलाज, परिवार का ख्याल रखने और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया गया है.’’ मुख्यमंत्री गहलोत ने शुक्रवार को कहा था इस मामले में राजनीतिक दलों को अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए और पुलिस को स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करने देना चाहिए. गहलोत ने शुक्रवार रात ट्वीट किया था, ‘‘पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट व तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है. हालांकि, पुलिस को अभी यह पता नहीं लगा है कि किशोरी को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अलवर में विमंदित बालिका के प्रकरण के संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक (एसपी), अलवर और बालिका का इलाज कर रहे वरिष्ठ चिकित्सकों से संपर्क बना हुआ है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कर शीघ्र मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं. अलवर एसपी की सहायता के लिए उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में जांच के वास्ते अलग से टीम भेजी गई है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मामले पर लगातार निगरानी रखे हुए हैं. इससे पहले अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया था कि शुक्रवार को मेडिकल विशेषज्ञों के एक दल ने पुलिस को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें उन्होंने कहा कि किशोरी के साथ दुष्कर्म की संभावना नहीं है