देश की खबरें | पराली के संबंध में उपायों को तत्काल लागू किया जाये: पर्यावरण प्रदूषण प्राधिकरण

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा को पत्र लिखकर उनसे पराली जलाये जाने को कम करने के उपायों को ‘‘तत्काल’’ लागू करने के लिए कहा है।

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 22 सितम्बर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मंगलवार को पंजाब और हरियाणा को पत्र लिखकर उनसे पराली जलाये जाने को कम करने के उपायों को ‘‘तत्काल’’ लागू करने के लिए कहा है।

पराली को जलाया जाना सर्दी के मौसम में दिल्ली में उच्च स्तर के वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक है।

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केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार पिछले साल दिल्ली में पराली जलाये जाने से वायु प्रदूषण बढ़ गया था।

प्राधिकरण के अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा, ‘‘यह हमारे संज्ञान में आया है कि पंजाब में पराली को जल्दी जलाया जा रहा है।’’

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अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की उपग्रह तस्वीर से यह भी पता चला है कि किसानों ने पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में फसल अवशेष जलाना शुरू कर दिया है।

वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार हालांकि पंजाब और पड़ोसी सीमावर्ती क्षेत्रों में खेतों में पराली जलाई जा रही है, लेकिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर इसका प्रभाव अगले तीन दिनों तक कम से कम रहेगा क्योंकि हवाएं प्रदूषकों के परिवहन और संचय के लिए सहायक नहीं हैं।

भूरेलाल ने कहा, ‘‘हालांकि (पराली जलाये जाने) प्रभाव वायु प्रदूषण में अभी कम है क्योंकि हवा की गति अधिक है लेकिन तथ्य यह है कि पराली जलाया जाने का मौसम शुरू हो गया है और ऐसा उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही किया जाना चाहिए।’’

भूरेलाल ने पंजाब और हरियाणा को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वहां पर पराली जलाने को कम करने के उपायों को लागू किया जाए और किसानों को सस्ती दरों पर और सुविधाजनक ढंग से मशीनों को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

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