देश की खबरें | कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए गए उपाय पर्याप्त नहीं: उच्च न्यायालय

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा, “हमें सरकार की इच्छा शक्ति पर संदेह नहीं है, लेकिन हम समान रूप से इस बात को लेकर जागरूक हैं कि जो उपाय किए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।”

एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

प्रयागराज, 25 अगस्त उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा, “हमें सरकार की इच्छा शक्ति पर संदेह नहीं है, लेकिन हम समान रूप से इस बात को लेकर जागरूक हैं कि जो उपाय किए गए हैं, वे पर्याप्त नहीं हैं।”

अदालत ने कहा, “संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए और सख्त उपाय करने की जरूरत है, लेकिन साथ ही ये उपाय व्यवहारिक होने चाहिए।”

यह भी पढ़े | छ्त्तीसगढ़: सड़क न होने कारण महिला और उसके शिशु को पालकी में बिठाकर अस्पताल ले गए परिजन.

अदालत ने प्रदेश के मुख्य सचिव को अदालत को इस बात से अवगत कराने का निर्देश दिया कि देशभर में लॉकडाउन के बाद जब अर्थव्यवस्था को दोबारा खोला गया तो क्या उनके पास कोई कार्य योजना थी और क्या उसे कभी लागू किया गया।

अदालत ने मुख्य सचिव को यह सूचित करने को भी कहा है कि यदि कोई कार्य योजना थी तो उसे लागू नहीं करने वाले जिले के अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई की गई।

यह भी पढ़े | JEE (Main) की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच और NEET (UG) की परीक्षा 13 सितंबर को होगी आयोजित: 25 अगस्त 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.

पृथक केन्द्रों में बेहतर सुविधाओं की मांग को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 28 अगस्त, 2020 तय की।

अदालत प्रदेश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी करती रही है। मुख्य सचिव को सुनवाई की अगली तारीख पर कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए एक रूपरेखा प्रस्तुत करने को भी गया है।

अदालत ने कहा, “जब हमें रोजी-रोटी और जीवन के बीच संतुलन बनाना होता है तो जीवन का रहना जरूरी है। जीने के लिए भोजन जरूरी है, न कि भोजन के लिए जीवन। हमें नहीं लगता कि एक पखवाड़े के लिए लॉकडाउन लगाने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में पहुंच जाएगी कि लोग भूखे मरने लगेंगे।”

राजेंद्र

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\