देश के कई राज्य आज भी ऐसे हैं जहां के लोगों को बेहतर सड़क और मुलभुत सुविधाओं का इंतजार आज भी है. लेकिन अब तक सड़के शायद दफ्तर और फाइलों में दबकर रह गई हैं. आज भी देश के कई राज्यों से खबरें आती है जिनमे देखा जाता है कि प्रसव के दौरान सड़क न होने के कारण महिला या फिर नवजात बच्चे की मौत हो जाती है. कई बार ऐसी भी खबरें आती हैं जहां सड़क न होने के कारण गांव तक एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाती है और मरीज की मौत हो जाती है. लेकिन उसके बाद भी शायद उनकी तकलीफों का सुध नहीं लिया जाता है.
एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला छत्तीसगढ़ से आया है. जहां के सूरजपुर जिले के ओदगी क्षेत्र में सड़क न होने के कारण एक बीमार महिला को उसके नवजात बच्चे को 15 किलोमीटर तक एम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए पालकी पर बैठाया गया. फिर लोगों ने अपने कंधे पर लेकर उन्हें एम्बुलेंस तक लेकर गए. वहीं इस दौरान एक ग्रामीण ने कहा कि हम पहले भी और अब भी मांग करते रहे हैं कि एक अच्छी सड़क यहां पर बना दी जाए. लेकिन अभी तक यह सुविधा नहीं उपलब्ध हुई है.
ANI का ट्वीट:-
Chhattisgarh: A woman patient and her newly-born baby were carried on a palanquin for 15-km to reach ambulance due to non-availability of roads in Odagi area of Surajpur district. A villager says, "We demand that the government build a proper road in this area." pic.twitter.com/w70R6noVun
— ANI (@ANI) August 25, 2020
जुलाई महीने में भी ठीक इसी तरह की एक खबर सामने आई थी. जहां गर्भवती महिला को 14 जुलाई को नदी के दूसरी तरफ 15 किमी दूर अस्पताल जाने के लिए बीजापुर के गोरला में जाने के लिए अपने परिवार की मदद से एक बर्तन में नदी पार कराई थी. क्योंकि वहां की नदी पर पूल नहीं था. इसलिए एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पाई थी. इस दौरान महिला के नवजात शिशु की जान चली गई थी.