देश की खबरें | मसूद बहावलपुर के पॉश इलाके में पाकिस्तान की सरपरस्ती में रह रहा है : समाचार चैनल

नयी दिल्ली, एक अगस्त एक नये हिन्दी समाचार चैनल ने यह दावा किया है कि विश्व का सर्वाधिक वांछित आतंकवादी मसूद अजहर पाकिस्तान के एक रिहाइशी इलाके में रह रहा है, ताकि अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने वाले अमेरिकी अभियान जैसी कार्रवाई उसके खिलाफ संभव न हो सके।

अजहर, संसद पर 2001 में हुए हमले से लेकर 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा आत्मघाती हमले सहित कई आतंकवादी हमलों का आरोपी है।

टाइम्स ग्रुप के नये हिन्दी समाचार चैनल ‘टाइम्स नाऊ नवभारत’ के मुताबिक, उसके पास ऐसे अकाट्य वीडियो फुटेज हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान अब भी मसूद अजहर जैसे आतंकी सरगना को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया करा रहा है, जो आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का भी प्रमुख है।

समाचार चैनल ने एक विज्ञप्ति में दावा किया है कि पाकिस्तान के बहावलपुर में मसूद के दो ठिकाने हैं, जिनमें से एक घर उस्मान-ओ-अली मस्जिद और नेशनल ऑर्थोपेडिक ऐंड जनरल हॉस्पिटल के बिल्कुल पास में स्थित है।

विज्ञप्ति के मुताबिक उसके घर के बाहर पाकिस्तान सेना के जवान तैनात रखे गये हैं। इसमें कहा गया है कि इसका मकसद साफ है- उसके घर के पास एक मस्जिद और अस्पताल रहने से ओसामा बिन लादेन के खिलाफ की गई कार्रवाई जैसा अभियान संभव नहीं हो सकेगा जबकि रिहाइशी इलाका मसूद और उसके साथियों को हमला होने की स्थिति में तंग गलियों से बच निकलने का मौका देगा।

चैनल के मुताबिक़, मसूद का दूसरा ठिकाना भी बहावलपुर में ही है, जो उसके पहले घर से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दूसरा घर, जामिया मस्जिद के पीछे और लाहौर उच्च न्यायालय की बहावलपुर पीठ से एक किमी की दूरी पर है जबकि महज तीन किमी की दूरी पर जिला अदालत है।

चैनल ने दावा किया है कि पाकिस्तान सेना के कर्मी सैन्य वर्दी में मसूद के घर की पहरेदारी करते दिखे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘‘वैश्विक आतंकवादी एक रिहाइशी इलाके में राजकीय अतिथि के रूप में रह रहा है। ’’

अजहर, संसद हमला मामला, पठानकोट एयरबेस आतंकी हमला और यहां तक कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिल पर हुए आतंकी हमले को लेकर वांछित है। पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गये थे।

वह तीन आतंकवादियों में एक है जिसे 1999 के कंधार विमान अपहरण घटना के बाद भारतीय अधिकारियों ने रिहा किया था।

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