जरुरी जानकारी | खाद्यतेलों के कम स्टॉक के बीच ज्याातर तेल-तिलहन कीमतों में मामूली सुधार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. बंदरगाहों पर तेल का स्टॉक काफी कम रहने और खाद्यतेलों का पाईपलाईन खाली जैसी हालात में होने के बीच शनिवार को सरसों तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव मामूली सुधार के साथ बंद हुए। लिवाली कमजोर रहने और खाद्यतेलों के कमजोर स्टॉक के बीच सोयाबीन एवं मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
नयी दिल्ली, 13 अप्रैल बंदरगाहों पर तेल का स्टॉक काफी कम रहने और खाद्यतेलों का पाईपलाईन खाली जैसी हालात में होने के बीच शनिवार को सरसों तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव मामूली सुधार के साथ बंद हुए। लिवाली कमजोर रहने और खाद्यतेलों के कमजोर स्टॉक के बीच सोयाबीन एवं मूंगफली तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।
कल रात शिकागो एक्सचेंज लगभग एक प्रतिशत कमजोर बंद हुआ था।
बाजार सूत्रों ने कहा कि आम तौर पर बंदरगाहों के साथ साथ हर जगह खाद्यतेलों का स्टॉक नहीं के बराबर है। भारी घरेलू मांग होने के बीच मार्च के महीने में 11.49 लाख टन खाद्यतेलों का आयात हुआ था और अब अप्रैल में 13-13.50 लाख टन के लगभग खाद्यतेलों का आयात होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि खाद्यतेलों की पाइपलाइन लगभग खाली रहने के बीच खाद्यतेलों की कमी को 13-13.50 लाख टन के आयात पूरा करना मुश्किल है। सामान्य दिनों में कम आयात होने की स्थिति में भी बंदरगाहों पर 8-10 लाख टन खाद्यतेलों का स्टॉक रहता आया है, जो फिलहाल नहीं के बराबर है।
सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक बढ़ नहीं रही है और आवक 9-9.50 लाख बोरी पर अटका हुआ है। जबकि लगभग 29-30 मार्च को यह आवक एक समय लगभग 16 लाख बोरी हो चली थी। पिछले साल के अप्रैल महीने के मुकाबले सरसों की पेराई मिलें भी 25-30 प्रतिशत कम चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि मंडियों में कपास की भी आवक निरंतर कम होती जा रही है और आज यह आवक घटकर लगभग 38 हजार गांठ रह गई। फिर बिनौले की भी कम आपूर्ति रहने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि सक्षम प्राधिकारियों को केवल थोक दाम में आई गिरावट से मतलब है। उधर खुदरा में कितना महंगा बिक रहा है, तेल उद्योग, तेल मिलों की क्या हालत हो रही है और उपभोक्ता को यही खाद्यतेल कितना महंगा मिल रहा है, इसके बारे में कौन चिंता करने वाला है? इन सब स्थितियों का आने वाले दिनों में तेल तिलहन कारोबार पर बुरा असर होने की आशंका है।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,340-5,380 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,105-6,380 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 14,750 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,240-2,505 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 10,075 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,720-1,820 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,720 -1,835 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,700 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,425 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,725 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,625 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,650 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,910-4,930 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,710-4,750 रुपये प्रति क्विंटल।
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