कोलकाता, 22 जुलाई पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों और सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया।
मतदान करने वाले 291 विधायकों में से 216 विधायकों ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान किया, जबकि 71 मत मुर्मू के पक्ष में पड़े। चार मत अमान्य घोषित किए गए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अधिकारी ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि मैंने वादा किया था, भाजपा के सभी 70 विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने ‘क्रॉस वोटिंग’ करते हुए मुर्मू के पक्ष में मतदान किया और तृणमूल कांग्रेस के चार विधायकों ने यह सुनिश्चित किया कि उनके मत अमान्य माने जाएं। पश्चिम बंगाल विधानसभा में श्रीमती मुर्मू जी के पक्ष में 71 मत पड़े।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के 34 सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर) ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में अपने मत डाले, जिनमें से कम से कम चार ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया और अन्य दो के मतों को अमान्य माना गया।’’
भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों और सांसदों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के कई विधायक और सांसद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के कामकाज से खुश नहीं हैं। यह ‘क्रॉस वोटिंग’ उनके असंतोष को दिखाती है।’’
भाजपा पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि उसके सांसदों द्वारा ‘क्रॉस वोटिंग’ की कोई संभावना नहीं है।
राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने ऐसी कोई क्रॉस वोटिंग नहीं की। तृणमूल कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है और इस बात की कोई संभावना नहीं है कि हमारी पार्टी में से कोई भी भाजपा जैसी सांप्रदायिक पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवार का समर्थन करेगा।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)