इंफाल, चार दिसंबर मणिपुर सरकार ने राज्य में जातीय हिंसा में कमी के बीच बुधवार से इंफाल से पहाड़ी जिलों तक कड़ी सुरक्षा के साथ अंतर-जिला सार्वजनिक वाहनों का संचालन फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है।
राज्य में प्रशासन द्वारा 19 महीनों में सार्वजनिक परिवहन सेवा को फिर से शुरू करने का यह दूसरा प्रयास होगा। यहां इंफाल घाटी स्थित मेइती समुदाय तथा पहाड़ी जिलों में रहने वाले कुकी समुदाय के बीच झड़पें होती रही हैं।
मुख्य सचिव विनीत जोशी ने एक आदेश में कहा, ‘‘राज्य सरकार ने सुरक्षा बलों की उपलब्धता, प्रतिक्रिया प्रणाली और विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त ‘जानकारी’ के साथ राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की है और पर्याप्त सुरक्षा तैनाती के साथ सार्वजनिक वाहनों का आवागमन फिर से शुरू करने का फैसला किया है।’’
राज्य की राजधानी इंफाल से कांगपोकपी होते हुए सेनापति तक और इंफाल से बिष्णुपुर होते हुए चुराचांदपुर तक बुधवार से सार्वजनिक वाहनों का आवागमन शुरू होगा।
सेनापति नगा-बहुल क्षेत्र है, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में कुकी-जो समुदाय के लोगों की संख्या अधिक है और इंफाल तथा बिष्णुपुर मेइती बहुल क्षेत्र हैं।
आदेश में कहा गया है, ‘‘आवागमन केवल निश्चित समय तक ही सीमित रहेगा तथा इस मार्ग से जुड़ने के इच्छुक आम नागरिकों को सूचित किया जाता है कि वे संबंधित उपायुक्तों के कार्यालयों से संपर्क करें।’’
पिछले साल मई में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से मणिपुर में हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आई हैं और तब से अब तक कम से कम 258 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
हिंसा के दौरान इंफाल घाटी और पहाड़ी जिलों के बीच सार्वजनिक बस सेवाएं भी बंद हो गईं।
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