मुंबई, तीन अक्टूबर मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद प्रज्ञा ठाकुर मंगलवार को यहां एनआईए की विशेष अदालत में सवालों का जवाब देते हुए भावुक हो गईं।
निचली अदालत मंगलवार को मामले में ठाकुर और अन्य छह आरोपियों के बयान दर्ज कर रही थी।
मालेगांव में विस्फोट के बाद घायलों का इलाज करने और मृतकों का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों की गवाही से जुड़े करीब 60 सवाल आरोपियों से पूछे गए।
कठघरे में मौजूद ठाकुर एक समय भावुक हो गईं और कार्यवाही दस मिनट के लिए रोक दी गई।
सभी सवालों पर प्रज्ञा ठाकुर का जवाब था, ‘‘मुझे नहीं पता।’’
उनके वकीलों जे.पी. मिश्रा और प्रशांत मग्गू ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि भोपाल से लोकसभा सदस्य ठाकुर उस समय असहज हो गईं जब उनसे विस्फोट पीड़ितों की चोटों के बारे में सवाल पूछे गए।
मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है। दिसंबर 2018 में मुकदमा शुरू होने के बाद से, अभियोजन पक्ष के 323 गवाहों से पूछताछ की गई, और उनमें से 34 मुकर गए या अभियोजन पक्ष का समर्थन नहीं किया।
ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, सुधाकर द्विवेदी और समीर कुलकर्णी गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
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