नयी दिल्ली, दो दिसंबर कांग्रेस ने विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में गिरावट से जुड़े आंकड़े का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि इस सरकार में ‘मेक इन इंडिया’ सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘तीन दिन पहले 2024 के जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जारी हुए विकास दर के आंकड़ों से जीडीपी विकास दर में निराशाजनक गिरावट का खुलासा हुआ। उतना ही ध्यान देने योग्य और चिंताजनक विनिर्माण वृद्धि दर गिरकर आश्चर्यजनक रूप से 2.2 प्रतिशत पर आना भी है। इस बीच, निर्यात वृद्धि दर भी गिरकर 2.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी है।’’
उन्होंने कहा कि ये डेटा भारत को विनिर्माण निर्यात के लिए एक नया वैश्विक केंद्र बनाने के प्रधानमंत्री के एक दशक पुराने वादे की निराशाजनक वास्तविकता को सामने लाते हैं।
रमेश ने दावा किया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक मेक इन इंडिया के शुरू होने के दस साल बाद भी भारत का विनिर्माण लगभग स्थिर है और हमारा निर्यात लड़खड़ा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के सकल मूल्य वर्धन में विनिर्माण का हिस्सा 2011-12 के 18.1 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में 14.3 प्रतिशत रह गया है तथा विनिर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या 2017 में 5.13 करोड़ थी, जो 2022-23 में गिरकर 3.56 करोड़ रह गई है।
रमेश ने दावा किया कि इस तरह के निराशाजनक नतीजे अंततः विनिर्माण क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने में सरकार की विफलता के परिणाम हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मेक इन इंडिया सिर्फ़ ‘मेक बिलीव (दिखावा) इन इंडिया’ बनकर रह गया है।
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