याचिका पर सुनवाई होने से पहले देश छोड़कर नहीं जाएंगे महिंदा राजपक्षे और बासिल: वकील
श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को अपने वकीलों के माध्यम से उच्चतम न्यायालय को शपथपत्र दिया कि वे तब तक संकटग्रस्त देश को नहीं छोड़कर जाएंगे जब तक उनके खिलाफ दाखिल मौलिक अधिकार संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो जाती. बृहस्पतिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गयी.
कोलंबो, 14 जुलाई : श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने बृहस्पतिवार को अपने वकीलों के माध्यम से उच्चतम न्यायालय को शपथपत्र दिया कि वे तब तक संकटग्रस्त देश को नहीं छोड़कर जाएंगे जब तक उनके खिलाफ दाखिल मौलिक अधिकार संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो जाती. बृहस्पतिवार को एक खबर में यह जानकारी दी गयी. श्रीलंकाई उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ देश में लंबे समय तक शक्तिशाली रहे राजपक्षे परिवार के दोनों सदस्यों के खिलाफ याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है. डेली मिरर लंका वेबसाइट ने यह खबर दी.
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के छोटे भाई बासिल राजपक्षे को मंगलवार को कोलंबो हवाई अड्डे से उस समय लौटा दिया गया था जब उन्होंने वीआईपी टर्मिनल से देश छोड़कर जाने का प्रयास किया. इसके बाद शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की गयी. गोटबाया राजपक्षे के मालदीव जाने से एक दिन पहले 71 वर्षीय बासिल ने देश छोड़कर जाने का प्रयास किया. गोटबाया ने मालदीव से प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था जिसके बाद राजनीतिक संकट बढ़ गया और देश में नये सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये. यह भी पढ़ें : कानून के शासन का पालन सभी को करना होगा : उच्चतम न्यायालय
अमेरिकी पासपोर्ट धारक बासिल ने अप्रैल में ही वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उस समय ईंधन, खाद्य पदार्थों और अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गये थे. बासिल ने जून में संसद की सदस्यता भी छोड़ दी थी.
बासिल को देश के भयावह आर्थिक संकट के लिए व्यापक रूप से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. राजपक्षे परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्य महिंदा राजपक्षे ने नौ मई को पद छोड़ दिया था. तब उनके समर्थकों ने गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के बाहर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया था.