देश की खबरें | महाविकास आघाडी को वीबीए प्रमुख से अब भी उम्मीद : संजय राउत
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मुंबई, 25 मार्च शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) को वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आम्बेडकर से अब भी उम्मीद है कि वह एमवीए के साथ गठबंधन करने पर विचार कर सकते हैं।
राउत ने दावा किया कि जनता का समर्थन एमवीए के साथ है, और यदि वीबीए साथ आता तो इसकी चुनावी जीत शानदार होती।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने संवाददाताओं से कहा कि प्रकाश आम्बेडकर को लोकसभा चुनाव के लिए एमवीए के चार सीट के प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए था, लेकिन एमवीए खेमे को वीबीए से अब भी उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘एमवीए को जनता का समर्थन प्राप्त है। अगर बालासाहेब (प्रकाश) आम्बेडकर हमारे साथ होते तो हमारी जीत शानदार होती। लेकिन, इसका यह मतलब नहीं कि हम उन पर निर्भर हैं।’’
राउत ने कहा कि आम्बेडकर एक सम्मानित नेता होने के साथ एक अच्छे संगठन के नेता हैं और एमवीए के नेताओं ने उनसे चर्चा की और अनुरोध करते रहे।
राउत ने कहा, ‘‘उन्हें एमवीए का प्रस्ताव स्वीकार करना चाहिए था। लेकिन, हमें अभी भी उनसे उम्मीदें हैं।’’
प्रकाश आम्बेडकर ने शनिवार को कहा कि वह 26 मार्च को अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे। उन्होंने आगामी चुनावों के लिए वीबीए और एमवीए के बीच बातचीत की स्थिति पर सीधा जवाब देने से परहेज किया।
वीबीए प्रमुख ने यह भी दावा किया कि एमवीए सहयोगियों में आंतरिक कलह खत्म होती नहीं दिख रही है।
प्रकाश आम्बेडकर ने सोमवार को कहा, ‘‘मैं उनकी चार सीट वापस कर रहा हूं।’’
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए ने पिछले साल जनवरी में गठबंधन की घोषणा की थी।
प्रकाश आम्बेडकर की वीबीए लोकसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाडी (एमवीए) के तीन सहयोगियों- शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (एससीपी) के साथ हाथ मिलाने पर विचार कर रही है।
हालांकि, सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अब तक बेनतीजा रही है। कुछ दिन पहले, प्रकाश आम्बेडकर ने अपनी पार्टी के प्रति ‘असमान रवैये’ के लिए शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) से नाराजगी व्यक्त की थी और महाराष्ट्र में सात लोकसभा सीट पर एमवीए के तीसरे साथी- कांग्रेस- को समर्थन की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को वीबीए का प्रस्ताव न केवल एक ‘सद्भावना’ का प्रतीक है, बल्कि भविष्य के लिए संभावित गठबंधन के लिए ‘दोस्ताना हाथ’ आगे बढ़ाने का भी द्योतक है।
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