देश की खबरें | महाराष्ट्र: मनसे के प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में तीन लोग बरी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने 14 साल पहले शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में तीन लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

ठाणे, नौ फरवरी महाराष्ट्र में ठाणे की एक अदालत ने 14 साल पहले शहर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में तीन लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

ये तीनों लोग प्रदर्शन कर रहे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं के एक समूह का कथित तौर पर हिस्सा थे।

सत्र न्यायाधीश डॉ. रचना आर. टेहरा ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ संदेह से परे आरोप साबित करने में विफल रहा है। आदेश मंगलवार को पारित किया गया, जिसकी प्रति बृहस्पतिवार को साझा की गई।

अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि तीनों आरोपी उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने 21 अक्टूबर 2008 को मनसे प्रमुख राज ठाकरे की ‘‘गिरफ्तारी’’ के बाद उग्र प्रदर्शन करते हुए बसों को क्षतिग्रस्त किया और उन्हें आग के हवाले कर दिया था।

अभियोजन पक्ष के कुछ गवाहों ने कहा कि उनकी बस को प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा रोका गया था जो ‘‘मनसे जिंदाबाद’’ और ‘‘राज साहब जिंदाबाद’’ के नारे लगा रहे थे, जबकि कुछ लोगों ने वाहन पर पथराव भी किया।

आरोपियों का पक्ष रख रहे वकील ए. एन. राजुरकर ने कहा कि तीनों की घटना में कोई भूमिका नहीं थी।

न्यायाधीश टेहरा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा, ‘‘सबूतों से स्पष्ट है कि मुखबिर और अभियोजन पक्ष के गवाह घटना के चश्मदीद हैं, लेकिन दोनों ने आरोपियों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा है कि उन्होंने गैरकानूनी तौर पर एकत्रित होकर कथित अपराध को अंजाम दिया।’’

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