महाराष्ट्र, बंबई उच्च न्यायालय के पुनर्विकास पर मुख्य न्यायाधीश के साथ बैठक करे: शीर्ष अदालत
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को मुंबई में उच्च न्यायालय के कुछ अदालतकक्षों एवं सुविधाओं को उसके ऐतिहासिक भवन से बगल में लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और एनेक्सी के भवनों में स्थानांतरित करने के वास्ते उनके पुनर्विकास पर निर्णय लेने के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया.
नयी दिल्ली, 25 सितंबर : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को मुंबई में उच्च न्यायालय के कुछ अदालतकक्षों एवं सुविधाओं को उसके ऐतिहासिक भवन से बगल में लोकनिर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और एनेक्सी के भवनों में स्थानांतरित करने के वास्ते उनके पुनर्विकास पर निर्णय लेने के लिए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने 23 सितंबर को मुंबई के बांद्रा इलाके में बंबई उच्च न्यायालय के नये परिसर की आधारशिला रखी थी. शीर्ष अदालत स्वत: संज्ञान के तहत ‘बंबई उच्च न्यायालय के धरोहर भवन एवं उच्च न्यायालय के लिए अतिरिक्त भूमि का आवंटन’ नामक मामले की सुनवाई कर रही थी.
उच्चतम न्यायालय का मत था कि जब तक बांद्रा में नया भवन बनकर तैयार होता है, तब तक उसकी कुछ इकाइयों को वर्तमान उच्च न्यायालय परिसर के बगल के पीडब्ल्यूडी भवन में स्थानांतरित करने की जरूरत है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की विशेष पीठ की यह राय भी थी कि उच्च न्यायालय के एनेक्सी भवन, जहां अब भी कुछ अदालतें एवं अन्य सुविधाएं हैं, की तत्काल मरम्मत की जरूरत है.
पीठ ने कहा, ‘‘ बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय) और अन्य न्यायाधीशों द्वारा मुख्य सचिव के साथ पीडब्ल्यूडी भवन के एक खास हिस्से के पुनर्विकास और एनेक्सी भवन की मरम्मत पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाई जाए.’’ शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि वह उच्च न्यायालय को दक्षिण मुंबई में एयर इंडिया भवन में मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने के लिए कुछ स्थान उपलब्ध कराने पर विचार करे और मुख्य सचिव तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश तथा अन्य न्यायाधीशों के बीच बैठक में इस पहलू पर भी चर्चा करे. यह भी पढ़ें : MP Road Accident: मध्य प्रदेश के दमोह में ट्रक-ऑटो की टक्कर में अब तक 9 लोगों की मौत
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ मैं लंबे समय तक एनेक्सी भवन में बैठ चुका हूं क्योंकि हम कनिष्ठ न्यायाधीशों के उस बैच से हैं जिन्हें वातानुकूलित अदालत कक्ष मिले थे.’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि एनेक्सी भवन में न्यायाधीशों के चैंबर में कुछ में तब मानसून के दौरान पानी टपकता था. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि महाधिवक्ता और सरकारी वकीलों के कार्यालय भी एनेक्सी भवन में हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि अब यह बात सामने आई है कि भवन को तत्काल मरम्मत की जरूरत है. पीठ ने कहा, ‘‘सुझाव के अनुसार बैठक आयोजित की जाए ताकि यह देखा जा सके कि इस संबंध में क्या प्रगति हो सकती है.’’ पीठ ने राज्य सरकार से यह भी कहा कि वह नए उच्च न्यायालय भवन के निर्माण के लिए बांद्रा में शेष भूमि का कब्जा सौंपने के लिए उसके द्वारा दी गई समय-सीमा का पालन करे. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद करनी चाहिए कि एक निश्चित गति बनी रहेगी.’’