देश की खबरें | महाराष्ट्र सरकार अनिल देशमुख के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रही :सीबीआई ने अदालत से कहा
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मुंबई, 28 जुलाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रही है, जबकि उच्च न्यायालय के एक आदेश में कहा गया था कि सीबीआई पुलिस तबादला और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकती है।
सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की खंडपीठ से कहा कि एजेंसी ने राज्य खुफिया विभाग को पत्र लिख कर पुलिस तबादला एवं पदस्थापन में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भारतीय पुलिस सेवा की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला के एक पत्र से जुडा ब्योरा मांगा था।
सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 22 जुलाई को कहा था कि सीबीआई तबादला और पदस्थापन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर सकती है और अदालत ने देशमुख के खिलाफ दर्ज एजेंसी की प्राथमिकी के कुछ हिस्से रद्द करने की मांग करने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।
सिंह ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई ने 23 जुलाई को राज्य खुफिया विभाग के आयुक्त को पत्र लिख कर तबादला और पदस्थापन पर शुक्ला द्वारा सरकार को भेजे गये पत्र की प्रतियां मांगी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, 27 जुलाई को सहायक पुलिस आयुक्त नितिन जाधव ने सीबीआई को जवाब दिया, जिसमें उन्होंने दस्तावेज सौंपने से इनकार करते हुए कहा कि वे अन्य जांच का हिस्सा हैं। हमारी शिकायत यह है कि सरकार सहयोग नहीं कर रही है। ’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि सीबीआई इस मुद्दे को उठाते हुए एक अर्जी दायर कर सकती है और अदालत उस पर दलीलें सुनेगी।
सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरूपयोग को लेकर उनके खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था।
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