देश की खबरें | महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ सीमा विवाद पर कानूनी दल के साथ समन्वय की जिम्मेदारी दो मंत्रियों को सौंपी

मुंबई, 21 नवंबर एकनाथ शिंदे नीत सरकार ने महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर अदालती मामले के संबंध में कानूनी टीम के साथ समन्वय करने की जिम्मेदारी सोमवार को दो मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल एवं शंभुराज देसाई को सौंपी।

मुख्यमंत्री शिंदे ने यह घोषणा भी की कि स्वतंत्रता सेनानी पेंशन योजना का लाभ उन क्षेत्र के लोगों को भी मिलेगा, जिनपर महाराष्ट्र दावा करता है, लेकिन वे कर्नाटक के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महात्मा फुले जन आरोग्य योजना का लाभ इन क्षेत्रों के लोगों को भी देने के पक्ष में है।

महाराष्ट्र 1960 में अपनी स्थापना के समय से ही बेलगाम (बेलगावी भी कहा जाता है) जिले तथा 80 अन्य मराठी भाषी गांवों के दर्जे को लेकर कर्नाटक के साथ विवाद में उलझा हुआ है। ये सभी क्षेत्र कर्नाटक के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं।

इस मौजूदा मामले के संबंध में बैठक के बाद शिंदे ने कहा, ‘‘ दिवंगत बालासाहब ठाकरे बेलगाम को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की राज्य की मांग के सदैव कट्टर समर्थक थे। हमने इस मुद्दे का हल करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। यदि जरूरत पड़ी तो वकीलों की संख्या बढ़ायी जाएगी। हम इस संबंध में शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलेंगे।’’

शिंदे ने बैठक के बाद इस मामले के संबंध में कानूनी टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पाटिल और देसाई को सौंपी।

मुख्यमंत्री ने बेलगावी एवं उसके आसपास के क्षेत्रों के लोगों के प्रतिनिधिमंडल को इस विवादित क्षेत्र में सुविधाएं प्रदान करने तथा रोजमर्रा में मराठी का उपयोग करने को लेकर कर्नाटक सरकार के साथ उपयुक्त संवाद बनाये रखने को भी कहा।

राज्य सरकार ने वरिष्ठ वकील वैद्यनाथन को उच्चतम न्यायालय में इस मामले में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त भी किया है। पाटिल उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री हैं, जबकि देसाई आबकारी मंत्री हैं।

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