मुंबई, 16 जुलाई : महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शनिवार को औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों के नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव रखे जाने को मंजूरी दे दी. महाराष्ट्र में इस समय मंत्रिमंडल में केवल दो सदस्य मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस हैं, क्योंकि इसका विस्तार अभी नहीं हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफा देने से ठीक पहले, 29 जून को उनकी अगुवाई वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने इन शहरों के नाम बदलने का फैसला किया था. बहरहाल, 30 जून को शपथ ग्रहण करने वाले शिंदे और फडणवीस ने कहा था कि ठाकरे नीत सरकार का इन शहरों के नाम बदलने का फैसला अवैध है, क्योंकि उन्होंने यह निर्णय राज्यपाल द्वारा विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहने के बाद लिया.
ठाकरे की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करने का फैसला किया गया था, लेकिन शिंदे नीत सरकार ने शनिवार को इसके आगे ‘छत्रपति’ जोड़ दिया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि (ठाकरे की अध्यक्षता में हुई) 29 जून की मंत्रिमंडल की बैठक के कार्य विवरण को (शिंदे के नेतृत्व वाली) नई सरकार ने शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी. बैठक का कार्य विवरण नई सरकार के समक्ष स्वीकृति के लिए आया था. नई सरकार ने प्रशासन को प्रस्ताव फिर से पेश करने का निर्देश दिया था. बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रिमंडल द्वारा आज स्वीकृत ताजा प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद दोनों शहरों का नाम संभाग, जिला, तालुका, नगर निगम और परिषद स्तर पर बदला जाएगा.’’ मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम किसान नेता दिवंगत डी बी पाटिल के नाम पर रखने को भी मंजूरी दे दी. उद्धव ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार ने पिछले महीने इस संबंध में भी फैसला किया था. यह भी पढ़ें : कोविड-19: दिल्ली मेट्रो में बड़ी संख्या में यात्री मास्क पहनने की अनिवार्यता का उल्लंघन कर रहे
सीएमओ ने बयान में कहा कि प्रशासन को हवाई अड्डे के नाम के बारे में ताजा प्रस्ताव पेश करने को कहा था, जिसे शनिवार को मंजूरी दी गई. शहर एवं औद्योगिक विकास निगम (सिडको), नवी मुंबई हवाई अड्डे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के रूप में विकसित कर रहा है. शिंदे के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के बाद एमवीए सरकार 29 जून को गिर गई थी. शिंदे ने इसके अगले दिन मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इस बीच, शिवसेना ने औरंगाबाद में प्रदर्शन करते हुए कहा कि ठाकरे नीत पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए इस फैसले को मंत्रिमंडल की मंजूरी देने के शिंदे सरकार के कदम का मकसद केवल श्रेय लेना है. औरंगाबाद से शिवसेना के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने कहा, ‘‘केवल बालासाहेब ठाकरे के कारण औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया गया तथा कोई और इसका श्रेय नहीं ले सकता. शिंदे-फडणवीस सरकार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को मंत्रिमंडल की मंजूरी दी. यह फैसला केवल श्रेय लेने के लिए किया गया.’’ शिवसेना की औरंगाबाद जिला इकाई के अध्यक्ष अंबादास दानवे ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजना चाहिए और इसे तुरंत पारित कराना चाहिए.’’