नयी दिल्ली, नौ जनवरी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को बताया कि एजेंसी ने कई निवेशकों से 2,400 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने के आरोप में महाराष्ट्र स्थित एक सहकारी ऋण समिति के प्रवर्तक को गिरफ्तार किया है।
सुरेश कुटे को ज्ञानराधा मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव समिति लिमिटेड (डीएमसीएसएल) से संबंधित जांच के तहत सात जनवरी को हिरासत में लिया गया था।
संघीय एजेंसी ने एक बयान में बताया कि मुंबई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत ने कुटे को 10 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया।
डीएमसीएसएल का प्रबंधन सुरेश ज्ञानोबाराव कुटे, यशवंत वी कुलकर्णी और अन्य द्वारा किया जाता था।
ईडी के अनुसार, कंपनी ने विभिन्न जमा योजनाएं शुरू कीं और 12 से 14 प्रतिशत के बीच ब्याज देने का दावा किया।
एजेंसी ने बताया, “कुटे और अन्य ने चार लाख से अधिक भोले-भाले निवेशकों को भारी मुनाफे का वादा कर डीएमसीएसएल में पैसा जमा करने के लिए लुभाया।”
एजेंसी के मुताबिक, “हालांकि, जमा पर निवेशकों को कोई भुगतान नहीं किया गया या केवल आंशिक भुगतान कर उन्हें धोखा दिया गया।”
एजेंसी ने बताया कि सोसायटी के प्रबंधन ने डीएमसीएसएल द्वारा जुटाये गये धन का ‘गबन’ किया और कुटे तथा अन्य ने 2,470 करोड़ रुपये ऋण की आड़ में कुटे समूह (कुटे और उनकी पत्नी अर्चना कुटे के स्वामित्व वाली लाभकारी कंपनियों का समूह) की विभिन्न कंपनियों के खाते में जमा कराने की आपराधिक आपराधिक साजिश रची।
एजेंसी के मुताबिक, जांच में पाया गया कि धोखाधड़ी से कमाई गयी इस राशि का वितरण करने के बाद प्रवर्तकों ने कुटे समूह की संस्थाओं के कई खातों के माध्यम से नकदी प्राप्त की।
एजेंसी ने पिछले वर्ष इस मामले में कई बार छापेमारी की और अब तक 1,400 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति जब्त की है।
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