गोल्ड कोस्ट, तीन अक्टूबर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के ड्रा होने के बाद कहा कि गुलाबी गेंद (दिन-रात्रि) के टेस्ट में शतक बनाने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचने में भाग्य ने उनका साथ दिया।
मंधाना ने 216 गेंदों में 127 रन बनाए थे जिससे भारत ने पहली पारी 8 विकेट पर 377 पर घोषित की। उन्हें 80 के व्यक्तिगत स्कोर पर जीवनदान मिला था। एलिसे पेरी पर बेथ मूनी ने उनका कैच लपका लेकिन यह गेंद नो बॉल थी।टेस्ट के पहले दो दिन बारिश ने खलल डाला लेकिन पूरे मैच में भारत का दबदबा रहा। चार दिवसीय मैच के ड्रॉ होने के बाद मंधाना ने कहा, ‘‘ 80 रन के स्कोर पर भाग्यशाली थी कि गेंद नो बॉल हो गयी। इस बाद मेरे दिमाग में यह साफ हो गया था कि मुझे मौका मिला है और इस मौके को भुनाना है।’’
मंधाना ने इस शतकीय पारी को अपने अब तक के करियर के शीर्ष तीन पारियों में से एक बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से शीर्ष तीन पारी में से एक है। पहली बार दिन-रात्रि टेस्ट खेल रहा हूं, वास्तव में खुश हूं कि मैंने टीम को अच्छी शुरुआत दी। पहले दिन के खेल के बाद मैं घबराहट महसूस कर रही थी।’’
इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा, ‘‘ सफेद कपड़े पहनना (टेस्ट क्रिकेट की ड्रेस) और मैदान में उतरना सबसे बड़ी बात है।
भारतीय महिला टीम अब सात अक्टूबर से शुरू हो रही तीन मैचों की टी20 श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया का सामना करेगी।
मंधाना ने कहा, ‘‘हमारे पास टी20 श्रृंखला से सिर्फ तीन दिन का समय है। एक दिन आराम करने के बाद हम उसकी तैयारी शुरू करेंगे।’’
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