लंदन, आठ जुलाई भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक को उम्मीद है कि लॉर्ड्स टेस्ट की पिच पहले दो मैचों की सपाट पिचों की तुलना में बल्लेबाजों के लिए कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होगी।
उन्होंने कहा कि उनके बल्लेबाज जब तब ‘गैरजरूरी आक्रामक शॉट’ खेलने से बचे रहेंगे तब तक कोई समस्या नहीं होगी।
मैच से दो दिन पहले पिच पर काफी घास दिखी। इस घास को हालांकि मैच की पूर्व संध्या पर कम किया जायेगा।
भारत के लिए इस मैच में जसप्रीत बुमराह की वापसी होगी जबकि जोफ्रा आर्चर के चार साल से अधिक समय बाद इंग्लैंड के लिए अपना पहला टेस्ट खेलने की उम्मीद है।
कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में भारतीय बल्लेबाजों ने श्रृंखला में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है, खासकर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छी लय में है। गिल दो मैचों में तीन शतक लग चुके हैं जबकि लोकेश राहुल, यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पंत भी शतकीय पारियां खेल चुके हैं।
कोटक ने मंगलवार को कहा, ‘‘ पिच पर पिछले दो मैचों की तुलना में अधिक घास है। मैच की पूर्व संध्या पर कल शायद इस घास की कुछ छंटनी की जाये। इसके बाद ही हम इस मुद्दे पर कुछ बात कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आम तौर पर लॉर्ड्स मैदान में कम स्कोर बनता है। ऐसे में यहां गेंदबाजों के लिए परिस्थितियां मददगार होने की उम्मीद है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ बल्लेबाजी की बात करें तो मैं मानता हूं कि यह मानसिकता पर निर्भर है। क्रीज पर समय बिताना आपका सबसे अच्छा दोस्त हो सकता है। आप जितना अधिक समय क्रीज पर बिताएंगे, उतना ही आप परिस्थितियों से बेहतर तरीके से सामंजस्य बिठा पायेंगे।’’
आर्चर की वापसी के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा,‘‘ यह एक चुनौती होगी। जोफ्रा वापसी करेगा। इंग्लैंड की टीम में गेंदबाजी में कुछ बदलाव हो सकते हैं।’’
सौराष्ट्र के इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘ ऐसा लग रहा है कि यह पिच अधिक चुनौतीपूर्ण होगी। आप अगर अच्छी बल्लेबाजी करते हैं तो इससे तालमेल बिठा लेंगे और अगर ऐसा नहीं कर सके तो हर विकेट आपके लिए चुनौतीपूर्ण होगी।’’
कोटक ने भारतीय बल्लेबाजों की तारीफ करने हुए कहा कि पंत की आक्रामक बल्लेबाजी को छोड़ कर सभी बल्लेबाजों ने जिम्मेदारी से बल्लेबाजी की और टीम इस दौरान चार रन प्रति ओवर के औसत से रन बनाने में सफल रही। ’’
उन्होंने कहा कि पंत जैसे खिलाड़ी को बल्लेबाजी के नियम में बांधना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हर टीम में कुछ आक्रामक खिलाड़ी होंगे जो विपक्षी टीम की लय बिगाड़ने में बहुत अच्छे होते हैं। हमारी टीम में जायसवाल और पंत ऐसे खिलाड़ी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसका हालांकि यह मतलब नहीं है कि वे बिना सोचे समझे खेलते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पंत ऐसे बल्लेबाज हैं जो अपनी पारी के दौरान ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी मानसिकता बदल जाती है और वह गलत निर्णय ले लेते हैं।’’
गिल ने टेस्ट बल्लेबाजी में कुछ तकनीकी बदलाव किए हैं लेकिन उन्हें मानसिकता में बदलाव का ज्यादा फायदा हुआ। उन्होंने चार पारियों में 585 रन बनाए हैं।
कोटक से जब भारतीय कप्तान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता उनकी मानसिकता में कोई बदलाव हुआ है। उन्होंने निश्चित रूप से तकनीकी बदलाव किये हैं।’’
बल्लेबाजी कोच ने कहा, ‘‘उन्होंने कुछ तकनीकी बदलाव किए हैं और उनकी मानसिकता अधिक समय तक बल्लेबाजी करने की है। उनका कौशल ऐसा है कि वह किसी भी ढीली गेंद को बाउंड्री में बदल सकते हैं। ’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)













QuickLY